अर्थव्यवस्था

EPFO की निवेश पूंजी वित्त वर्ष 23 में 16.7 प्रतिशत बढ़ी

EPFO के कर्मचारी ब्याज दर में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं

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शिवा राजौरा   
Last Updated- October 26, 2023 | 11:15 PM IST

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की निवेश पूंजी की कुल राशि वित्त वर्ष 23 में 16.7 प्रतिशत बढ़कर 21.3 लाख करोड़ रुपये हो गई है, जो वित्त वर्ष 22 में 18.3 लाख करोड़ रुपये थी। बिजनेस स्टैंडर्ड को मिली सेवानिवृत्ति कोष की मसौदा सालाना रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है।

सामाजिक सुरक्षा संगठन की कुल निवेश योग्य पूंजी पिछले 5 साल में करीब दोगुनी हो गई है। 2018-19 में कुल पूंजी 11.1 लाख करोड़ रुपये थी। कुल 21.3 लाख करोड़ रुपये में से कर्मचारी भविष्य निधि के 13.04 लाख करोड़ रुपये है। उसके बाद कर्मचारी पेंशन फंड 7.7 लाख करोड़ रुपये और कर्मचारियों की जमा से जुड़ी बीमा योजना की राशि 41,062 करोड़ रुपये है।

वित्त वर्ष के दौरान ईपीएफओ ने अपनी ज्यादातर पूंजी का निवेश राज्य विकास ऋण (38.6 प्रतिशत) में किया है, जिसका इस्तेमाल राज्य सरकारें अपने राजकोषीय घाटे की भरपाई में करती हैं। इसके बाद ईपीएफओ ने केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों में 17.78 प्रतिशत निवेश किया है।

संगठन का सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के कॉर्पोरेट बॉन्डों में 15.5 प्रतिशत, केंद्र सरकार के सार्वजनिक खातों में 10.1 प्रतिशत निवेश है। पिछले कुछ साल के दौरान सबस्क्राइबर बढ़े हैं, जिससे संगठन की आमदनी बढ़ी है। इस मुनाफे का इस्तेमाल 7 करोड़ सबस्क्राइबरों को ज्यादा ब्याज देने में किया जा सकता है।

बहरहाल इपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड आफ ट्रस्टी के कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने कहा कि कुल राशि में बढ़ोतरी के बावजूद वित्त वर्ष 23 में पूंजी में वृद्धि की रफ्तार सुस्त हुई है। इससे संभावना बढ़ती है कि अगले साल ब्याज दर में बढ़ोतरी कम होगी और कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद के लिए बचत में कमी आएगी।

First Published : October 26, 2023 | 11:15 PM IST