केंद्रीय श्रम मंत्रालय कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के आंकड़ों और ई-श्रम पोर्टल के आंकड़ों के एकीकरण के लिए तैयार है। अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि इसका उद्देश्य देश में कार्यबल के औपचारीकरण रुझान को मापना व आकलन करना है।
अधिकारी ने बताया, ‘इन दो आंकड़ों के एकीकरण से वास्तविक समय के आधार पर असंगठित और संगठित क्षेत्र में श्रमिकों की परस्पर आवाजाही पर नजर रखने में मदद मिलेगी। इससे श्रमिकों के कल्याण के लिए लक्षित कल्याणकारी योजनाएं बनाई जा सकेंगी।’
फिलहाल श्रम मंत्रालय 30 करोड़ असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के ई-श्रम के मजबूत आंकड़ों को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं से जोड़ रहा है। इसे सामाजिक सुरक्षा के उपायों पहुंच के लिए तक सिंगल विंडो या वन स्टॉप सोल्यूशन की तरह विकसित करने का लक्ष्य है।
अधिकारी ने बताया, ‘देश के करोड़ों श्रमिकों के लिए ई-श्रम को सहजता से पहुंचने लायक एकल खिड़की जैसा विकसित करने का इरादा है। हम इससे सभी कल्याण योजनाओं को जोड़ने का प्रयास करेंगे। अगले चरण में औपचारीकरण के पैमाने का वास्तविक समय के आधार पर आंकड़ा एकत्रित किया जाएगा। यदि कोई श्रमिक ई-श्रम पर पंजीकृत है और उसका ईपीएफओ का विशिष्ट खाता नंबर (यूएएन) भी है तो वह दिखाई देगा और इसे औपचारीकरण के रूप में माना जाएगा।’
केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने बीते सप्ताह संवाददाताओं को बताया था कि मंत्रालय ने केंद्रीय सरकार की 10 योजनाओं को सफलतापूर्वक ई-श्रम डेटाबेस से जोड़ दिया है। इस कार्य को नई सरकार के पहले 100 दिन के भीतर पूरा किया गया है।
पोर्टल से जोड़ी गई 10 योजनाएं हैं – राशन कार्ड, पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि , महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा), प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (पीएमएवाई-जी), पीएमएमवाई-शहरी, नैशनल करियर सर्विस पोर्टल, पीएम श्रम योगी मानधन, राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन, राष्ट्रीय विधवा पेंशन, पीएम मत्स्य संपदा योजना और स्किल इंडिया डिजिटल हब।
मंत्रालय असंगठित क्षेत्र के और 20 करोड़ श्रमिकों को ई-श्रम पोर्टल में शामिल कर इस केंद्रीय आंकड़े को बढ़ाने की प्रक्रिया में है। अनुमानों के अनुसार देश में कुल श्रमबल करीब 65 करोड़ है और इसमें से अभी 10 करोड़ संगठित क्षेत्र में है।
ई-श्रम का आंकड़ा करीब 50 करोड़ लोगों के आंकड़े पर स्थिर होने का अनुमान है। इससे पहले जुलाई में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट में घोषणा की थी कि श्रमिकों को रोजगार और कौशल सहित कई तरह की सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी।