जुलाई में नई औपचारिक नौकरियों के सृजन में गिरावट आई। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के बुधवार के आंकड़े के मुताबिक यह श्रम बाजार में ठहराव का सूचक है। ईपीएफओ के नए सदस्यों की संख्या जुलाई में बीते माह की तुलना में 1.2 प्रतिशत गिरकर 10.2 लाख हो गई जबकि यह जून में 10.3 लाख थी।
जुलाई में कुल 10,27,145 नए सदस्य जुड़े थे। इसमें 18-28 साल की आयु के युवा सदस्यों की हिस्सेदारी जून (7,01,315) की तुलना में जुलाई में 68.3 प्रतिशत (7,01,315) बढ़ी थी। यह महत्त्वपूर्ण आंकड़ा है क्योंकि यह आयु वर्ग पहली बार श्रम बाजार में आया है। यह रोजगार की प्रगति का भी सूचक है।
हालांकि रोजगार पाने वाली महिलाओं का प्रतिशत 26.8 प्रतिशत गिर गया। जुलाई में रोजगार पाने वाली महिलाओं की संख्या 2,74,967 थी जबकि यह संख्या बीते महीने 2,86,984 थी।
टीम लीज सर्विसेज की सह संस्थापक ऋतुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा कि नए वित्त वर्ष की शुरुआत में कंपनियां आमतौर पर श्रमबल की जरूरत का समग्र नजरिया तैयार करती हैं जिसने नई भर्तियों को बल मिलता है। उन्होंने कहा, ‘हालांकि इसमें जुलाई में कुछ गिरावट आई।
इस साल की शुरुआत में भर्तियों को जो बल मिला है, वह त्योहारी मौसम शुरू होने के कारण अल्प से मध्यम अवधि तक जारी रहने की उम्मीद है। नई नौकरियों का और सृजन होने की उम्मीद है।’
हालांकि शुद्ध पेरोल जुड़ने में पुराने सदस्य, हालिया संख्या और पुराने सदस्यों के फिर शामिल होने की गणना की जाती है। यह संख्या जून में 15.7 लाख करोड़ थी और यह जुलाई में 18.8 प्रतिशत बढ़कर 18.7 लाख हो गई थी।
हालांकि शुद्ध मासिक पेरोल की संख्या अनंतिम होती है और यह अगले महीने में कई बार काफी बदल जाती है। यही कारण है कि शुद्ध सदस्य जुड़ने की तुलना में ईपीएफ के नए ग्राहकों की संख्या को जोड़ने पर अधिक भरोसा जताया जाता है।
श्रम मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘ईपीएफओ के पेरोल आंकड़ों से पता चलता है कि 13 लाख सदस्य छोड़कर गए थे लेकिन फिर शामिल हो गए। शामिल होने का यह आंकड़ा बीते 12 महीने का उच्चतम स्तर है। इन सदस्यों ने अपनी नौकरी बदली थी।
फिर ईपीएफओ के तहत आने वाले संगठनों में शामिल हुए और उन्होंने जमा राशि को स्थानांतरित करने के विकल्प को चुना है। इन सदस्यों ने अंतिम रूप से हिसाब किताब करने के विकल्प को नहीं चुना था। इन सदस्यों ने जमा राशि के स्थानांतरण का विकल्प चुनकर सामाजिक सुरक्षा संरक्षण को बढ़ाया है।’