रेटिंग एजेंसी ने इक्रा ने भविष्यवाणी की है कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में साल-दर-साल 13 फीसदी बढ़ेगा, जबकि भारतीय स्टेट बैंक ने इसे 15.7 फीसदी आंका है। यह वित्त वर्ष 22 की चौथी तिमाही में हुई 4.1 फीसदी की वृद्धि से तेज वृद्धि है, लेकिन यह अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक की पहली तिमाही में 16.2 फीसदी सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि के अनुमान से कम है।
पूरे साल के लिए एसबीआई ने 7.5 फीसदी जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान लगाया है, जो आरबीआई के 7.2 फीसदी के अनुमान से 30 आधार अंक ज्यादा है। इक्रा ने कहा कि कृषि, वानिकी और मछली पकड़ने में सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) वित्त वर्ष 22 की चौथी तिमाही में 4.1 फीसदी वृद्धि के मुकाबले पहली तिमाही में एक फीसदी तक अनुबंधित होने का अनुमान है।
इक्रा को अनुमान है कि पिछली तिमाही के 5.5 फीसदी की तुलना में पहली तिमाही में सेवा क्षेत्र में 17-19 फीसदी की वृद्धि होगी। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर कहती हैं, ‘अगर वस्तुओं की कीमतों में हालिया नरमी बनी रहती है तो यह मुद्रास्फीति के साथ-साथ मार्जिन के दबाव को भी कम करने में मदद करेगा और विवेकाधीन वस्तुओं की बेहतर मांग और उच्च मूल्य वर्धित विकास में भी क्रमशः ले जाएगा।’