Economic Survey 2024: आर्थिक समीक्षा ने जलवायु परिवर्तन योजना पर लंबित कार्रवाई को अंतर बढ़ाने वाला करार दिया है। विकसित देशों ने जलवायु कार्रवाई योजना को लेकर कार्रवाई लंबित कर दी है जबकि विकसित देशों ने कार्बन उत्सर्जन के प्रयासों को लेकर गरीब विकासशील देशों पर दबाव बढ़ा दिया है। समीक्षा में ग्रीन हाउस गैसों (जीएचजी) के उत्सर्जन से विकास को अलग करने को लेकर भारत के प्रयासों की प्रशंसा की है।
समीक्षा में कहा गया, ‘विकसित देश अपने देश की सीमा में आयात किए जाने वाले कार्बन युक्त उत्पादों पर कार्बन कर लगाने की तैयारी में है। ये देश ऊर्जा की मांग इतनी अधिक बढ़ा रहे हैं, जितनी पहले कभी नहीं बढ़ी।’
भारत अपने सकल घरेल उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर की तुलना में कार्बन उत्सर्जन दर को कम रखने में सफल रहा है। आर्थिक ससीक्षा के अनुसार, ‘भारत ने उपरोक्त वर्णित चुनौतियों के बावजूद जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को नियंत्रित कर विकास की प्राथमिकताओं को सुनिश्चित किया है और इस पर अपना ध्यान केंद्रित किया है। यह भारत के विकास की महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।’
समीक्षा के अनुसार, ‘अर्थव्यवस्था में उठाए गए कई अंतर क्षेत्रीय उपायों और उपभोक्ता व उत्पादकों का व्यवहार बदलने के कारण देश में ऊर्जा बचत को बढ़ावा मिला है।