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23 में तेज रहेगी आर्थिक रिकवरी : आरबीआई

Last Updated- December 11, 2022 | 6:12 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से आज जारी मासिक रिपोर्ट ‘अर्थव्यवस्था की दशा’ में कहा गया है कि अमेरिका सहित विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं पर इस समय स्टैगफ्लेशन का खतरा मड़रा रहा है, वहीं भारत इस तरह के जोखिम से बचने के मामले में बेहतर स्थिति में है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘बाहरी आर्थिक स्थिति बहुत बुरी रहने के बीच भारत अन्य तमाम देशों की तुलना में संभावित स्टैगफ्लेशन के खतरे से बचने के मामले में बेहतर स्थिति में है।’
बैंक ऑफ अमेरिका के जून के सर्वे में पाया गया है कि 83 प्रतिशत फंड प्रबंधकों का मानना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था स्टैगफ्लेशन का सामना कर रही है। स्टैगफ्लेशन में महंगाई दर बढ़ती है और साथ ही आर्थिक वृद्धि में सुस्ती आती  है।
बहरहाल रिजर्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में देश की अर्थव्यवस्था की उत्साहजनक तस्वीर पेश की है क्योंकि उसका मानना है कि आर्थिक गतिविधियां मजबूत हो रही हैं और ज्यादातर क्षेत्रों की जीडीपी महामारी के पूर्व के स्तर को पार कर रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘व्यापक तौर पर रिकवरी पटरी पर बनी हुई है। इससे पता चलता है कि तमाम झटकों के बावजूद अर्थव्यवस्था स्थिर है और इसकी वृहद धारणाएं मजबूत है, क्योंकि भारत एक स्थाई व उच्च वृद्धि दर हासिल करने की दिशा में प्रयास कर रहा है।’
इसमें कहा गया है, ‘वित्त वर्ष 2021-22 में 8.7 प्रतिशत वृद्धि दर के साथ भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अपने महामारी के पूर्व (2019-20) के स्तर से 1.5 प्रतिशत ऊपर पहुंच गई है और 2022-23 में भी रिकवरी तेज बनी हुई है।’
वृद्धि में रिकवरी उत्साहजनक है, वहीं महंगाई दर स्थिति को धूमिल बना रही है। प्रमुख उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर रिजर्व बैंक द्वारा तय ऊपरी सीमा 6 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है और 2022 के सभी 5 महीनों में ऐसा रहा है। महंगाई दर में तेज बढ़ोतरी  के कारण रिजर्व बैंक को नीतिगत रीपो दर में 90 आधार अंक बढ़ोतरी करके इसे एक महीने के भीतर 4.9 प्रतिशत करने के लिए बाध्य होना पड़ा है।    

First Published - June 17, 2022 | 12:22 AM IST

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