e-Shram Portal: देश के आम बजट में 1 फरवरी को संसद में कई अहम घोषणाएं की गईं, जिसमें गिग वर्कर्स (Gig workers) के लिए भी बड़ा ऐलान हुआ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने अपने बजट भाषण में बताया कि ‘गिग वर्कर्स’ के लिए ई-श्रम पोर्टल (e-Shram Portal) पर रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जाएगी। यहां रजिस्टर होने पर उन्हें पहचान पत्र मिलेगा और कई सरकारी सुविधाओं का फायदा भी दिया जाएगा।
करीब 1 करोड़ गिग वर्कर्स को इस पोर्टल से सीधा फायदा होगा। लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि गिग वर्कर्स को रजिस्ट्रेशन कैसे कराना होगा? ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन दोनों तरीके से किया जा सकता है—ऑनलाइन और ऑफलाइन।
यहां जानिए e-Shram Portal पर रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया और इससे जुड़ी जरूरी जानकारी।
कौन होते हैं ‘गिग वर्कर्स’ और कैसे कराएं रजिस्ट्रेशन?
गिग वर्कर्स वे होते हैं, जिनका काम परमानेंट नहीं होता। ये अस्थायी तौर पर काम करते हैं और बेहतर ऑप्शन मिलने पर अपनी जॉब बदल लेते हैं। स्विगी, जोमैटो, उबर जैसे प्लेटफॉर्म्स पर डिलीवरी करने वाले वर्कर्स इसका क्लियर उदाहरण हैं।
रजिस्ट्रेशन कहां होगा?
गिग वर्कर्स ई-श्रम पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट eshram.gov.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के बाद उन्हें एक कार्ड दिया जाएगा, जो उनके वर्क डिटेल्स को दर्शाता है।
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कैसे करें रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन?
ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
अगर आप ऑनलाइन नहीं कर सकते, तो नजदीकी CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) पर जाएं।
आवेदन करते समय ये डॉक्युमेंट्स साथ ले जाएं:
E-Shram Card Holders को मिलेंगे ये फायदे
ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर गिग वर्कर्स को कई फायदे मिलते हैं। अगर किसी E-Shram कार्ड धारक की मौत हो जाती है, तो परिवार को ₹2 लाख तक की आर्थिक मदद दी जाती है। वहीं, किसी हादसे में विकलांग होने पर ₹1 लाख तक की सहायता मिलती है।
PM श्रमयोगी मानधन योजना (PM Shram Yogi Mandhan Yojna) के तहत 60 साल की उम्र के बाद हर महीने ₹3,000 की पेंशन दी जाती है। इसके अलावा, सरकार श्रमिकों को उनकी स्किल्स के हिसाब से रोजगार और ट्रेनिंग प्रोग्राम्स से जोड़ती है, ताकि उन्हें बेहतर नौकरी के मौके मिल सकें। PM Shram Yogi Mandhan Yojna का उद्देश्य है कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले वर्कर्स को बुढ़ापे में आर्थिक समस्याओं का सामना न करना पड़े और वे आराम से अपना जीवन बिता सकें। कई लोग बुढ़ापे के लिए सेविंग्स करने की कोशिश करते हैं, लेकिन कम इनकम के कारण वर्किंग नागरिकों के लिए यह संभव नहीं हो पाता। इसी कारण सरकार ने यह योजना शुरू की है ताकि उन्हें भविष्य में आर्थिक सहायता मिल सके।