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डीएफआई करेगा बॉन्ड पर कर की भरपाई

Last Updated- December 12, 2022 | 6:53 AM IST

सरकार नियंत्रित विकास वित्त संस्थान (डीएफआई) कर मुक्त बॉन्ड जारी नहीं करेगा। इसके बदले डीएफ आई केंद्र से अनुदान के तौर पर मिले 5,000 करोड़ रुपये से बॉन्ड खरीदारों को कर भुगतान के एवज में रकम देगा। इस बारे में वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘डीएफआई को कर बचत योजनाओं से रकम जुटाने की अनुमति दिए जाने के बजाय विधेयक में ऐसा प्रावधान है, जिसके तहत निवेशकों को कर भुगतान के लिए बदले सरकारी अनुदान से रकम दी जाएगी।’
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को सरकार प्रवर्तित डीएफआई बनाने के लिए एक विधेयक को मंजूरी दे दी। इस विधेयक में निहित तथ्यों पर एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि डीएफआई में निवेश करने वाले संस्थानों से जो भी कर वसूला जाएगा, उसकी भरपाई खुद डीएफआई करेगा। उन्होंने कहा, ‘इस तरह निवेश करने वाले संस्थान 10 वर्षों के लिए कर का लाभ उठा पाएंगे। अगर अनुदान की रकम अवधि से पहले समाप्त हो जाती है तो सरकार अपनी तरफ से और रकम देगी।’ विदेश से रकम उधार ली जाती है तो सरकार उसकी गारंटी देगी और जरूरत पडऩे पर अनुदान से शुल्क भी अदा किया जाएगा। अधिकारी ने कहा कि अगर डीएफआई विभिन्न इकाइयों से या द्विपक्षीय समझौते से रकम जुटाता है तो 5,000 करोड़ रुपये के कोष से हेजिंग कॉस्ट (मुद्रा विनिमय में होने वाले बदलाव का असर) भी अदा करने में मदद मिलेगी। अधिकारी ने कहा कि जिन देशों के साथ भारत के कर समझौते हैं, वहां की कंपनियों कोा भी यह लाभ दिया जाएगा। सरकार सस्ती दर रकम दरों पर रकम हासिल करने के लिए यह कदम उठाएगी। जहां तक सरकार समर्थित डीएफआई पर कर की बात है तो उसे भी उसी प्रकार के कर प्रोत्साहन दिए जा सकते हैं जो फिलहाल ढांचागत विकास से जुड़ीं इकाइयों को आयकर अधिनियम की धारा 80-आईए के तहत दिए जा रहे हैं। एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि वित्त विधेयक में संशोधन के जरिये यह रियायत दी जाएगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले बजट में ऐसे ही प्रोत्साहन की घोषणा की थी, जिसमें ढांचागत परियोजनाओं में रकम लगाने वाले सॉवरिन वेल्थ फंडों को कर में 100 प्रतिशत रियायत दी गई थी। डीएफआई के निदेशकमंडल में 13 सदस्य होंगे।

First Published - March 19, 2021 | 12:01 AM IST

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