भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि विदेशी मुद्रा विनिमय दर बाजार निर्धारित करता है। रिजर्व बैंक विनिमय दर का कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं करता है। उन्होंने यह बात तब कही है जब वैश्विक गतिविधियों के कारण भारतीय रुपया दबाव में है और रुपये का नया निचला स्तर केंद्रीय बैंक को विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए प्रेरित कर रहा है।
बिजनेस चैनल सीएनबीसी – टीवी 18 के कार्यक्रम में दास ने कहा, ‘हमारी विनिमय दर नीति वर्षों से सुसंगत और स्पष्ट है। भारत की विनिमय दर बाजार निर्धारित करता है और भारतीय रिजर्व बैंक विनिमय दर के लिए किसी स्तर या बैंड का लक्ष्य तय नहीं करता है।’
उन्होंने कहा, ‘विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप विनियम दर की उचित गति व उतार-चढ़ाव पर लगाम, एंकर मार्केट की उम्मीदों और कुल मिलाकर वित्तीय स्थायित्व के लिए किया जाता है।’ भारतीय मुद्रा बीते डेढ़ वर्ष में काफी स्थिर रही है। सितंबर में अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के ब्याज दर में कटौती करने और फिर डॉनल्ड ट्रम्प के अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के कारण रुपये पर दबाव पड़ा है।
डॉलर के मुकाबले रुपया 84.04 के आसपास कारोबार कर रहा है और यह अपने नए निचले स्तर पर आ गया है। दास ने कहा कि भारत में 1 नवंबर, 2024 तक के आंकड़ों के हिसाब से विश्व में चौथा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार है। यह मुद्रा भंडार पूरे बाह्य ऋण और 12 माह के वस्तु आयात के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि भारत के बाह्य क्षेत्र ने हाल के समय में मजबूती और स्थिरता प्रदर्शित की।
उन्होंने कहा, ‘वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में चालू खाते का घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 1.1 प्रतिशत रहा और यह प्रबंधन योग्य सीमा में रहा।’ उन्होंने कहा कि भारत की मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियाद के कारण चुनौतियों के दौर में रुपया तुलनात्मक रूप से स्थिर रहा।दास ने भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि को टिकाऊ करार देते हुए कहा कि समय-समय पर आने वाली दिक्कतों के बावजूद महंगाई नरम रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था ने लंबे समय तक रहे उतार-चढ़ाव के दौर में अच्छा प्रदर्शन किया है। भारत की अर्थव्यवस्था ने उभरती नई चुनौतियों के समक्ष मजबूती प्रदर्शित की है।’