केंद्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने महत्त्वाकांक्षी दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परियोजना के पूरा होने की समयसीमा मार्च 2023 निर्धारित की है। एक्सप्रेसवे के हरियाणा वाले हिस्से में से 80 से 90 फीसदी निर्माण कार्य पूरा भी हो चुका है। हालांकि, चुनौती इसके गुजरात वाले खंड में है जहां पर विभिन्न हिस्सों पर अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से मुहैया कराए गए आंकड़ों के मुताबिक राजमार्ग के निर्माण कार्य को 31 अलग अलग हिस्सों में बांटा गया है जिनमें से छह से तेरह ऐसे हिस्से हैं जिनपर अब तक काम का आरंभ नहीं हुआ है। ये हिस्से अलग अलग खंड हैं जिन्हें ठेकेदारों द्वारा तैयार किया गया है।
इन हिस्सों को पूरा करने के लिए लगाए गए ठेकेदारों में जीआर इन्फ्राप्रोजेक्ट्स, आईआरबी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स, रोडवे सॉल्यूशंस इंडिया इन्फ्रा लिमिटेड और आरकेसी इन्फ्राबिल्ट प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। गुजरात के खंडों के अलावा दिल्ली खंड में एक छोटे मार्ग पर भी अभी ध्यान नहीं दिया गया है। चार छोटे मार्गों में से एक पर अब तक निर्माण कार्य की शुरुआत नहीं हो पाई है जबकि दो पर काम धीमी गति से बढ़ रहा है। चौथा मार्ग जो उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित जेवर हवाईअड्ïडे से जुड़ेगा का कार्य आवंटन अब तक नहीं हुआ है। हालांकि, मंत्री ने आज कहा कि परियोजना का आवंटन अगले कुछ महीनों में कर दिया जाएगा।
गडकरी ने आज एक्सप्रेसवे की प्रगति की समीक्षा की। बताया जा रहा है कि इस एक्सप्रेसवे के बन जाने पर देश की राजधानी दिल्ली से वित्तीय केंद्र मुंबई के बीच यात्रा में लगने वाला समय घटकर आधी रह जाएगी। फिलहाल दोनों महानगरों के बीच यात्रा में 24 घंटे का वक्त लगता है जबकि इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से यात्रा 12 घंटे में ही पूरी होने की उम्मीद जताई जा रही है।
यात्रा में लगने वाले समय में कटौती के अलावा इस राजमार्ग से वायु प्रदूषण और यातायात संकट में भी कटौती होगी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अनुमानित तौर पर राजमार्ग पर यातायात चालू होने के बाद सालाना 32 करोड़ लीटर से अधिक ईंधन की बचत होगी और कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सजर्न में 85 करोड़ किलोग्राम की कटौती होगी जो कि 4 करोड़ पौधरोपन के बराबर है।
इस परियोजना को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की पूर्ण स्वामित्व वाली विशेष उद्ïदेश्य कंपनी (एसपीवी) डीएमई डेवलपर्स लिमिटेड पूरा कर रही है। एसपीवी निर्माण गतिविधि के लिए ऋण जुटा रही है। आठ लेन वाला एक्सप्रेसवे दिल्ली से आरंभ होकर हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात से गुजरते हुए महाराष्ट्र में प्रवेश कर मुंबई तक जाएगा।
कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और केंद्र मंत्री राव इंद्रजीत सिंह भी उपस्थित रहे। यह एक्सप्रेसवे भारतमाला परियोजना के पहले चरण का हिस्सा है। 1380 किलोमीटर लंबे इस राजमार्ग को 98,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जा रहा है। यह भारत का बससे लंबा एक्सप्रेसवे होगा।
गलियारे के दिल्ली-फरीदाबाद-सोहना खंड के जरिये दिल्ली के शहरी केंद्र एक्सप्रेसवे से जुड़ेंगे। छोटे मार्गों के जरिये जेवर हवाईअड्ïडा और मुंबई में जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह को एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा।
कुल छह राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से गुजरने वाले इस एक्सप्रेसवे से जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौरगढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा और सूरत जैसे औद्योगिक केंद्रों के लिए संपर्क में सुधार होगा।