शुद्ध वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में सितंबर महीने में इस वित्त वर्ष के दौरान सबसे धीमी वृद्धि हुई। सरकार के मंगलवार को जारी अनंतिम आंकड़ों के अनुसार सितंबर में शुद्ध जीएसटी 3.9 प्रतिशत की दर से 1.5 लाख करोड़ रुपये बढ़ा।
सकल जीएसटी संग्रह में से रिफंड को घटाए बिना संख्या जारी की जाती है। सकल जीएसटी सिंतबर में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़कर 1.7 लाख करोड़ रुपये हुआ। लिहाजा संग्रह में लगातार दूसरे महीने एक अंक में वृद्धि हुई और यह बीते 39 महीनों में सबसे कम वृद्धि थी। संचयी रूप से इस वित्त वर्ष (अप्रैल-सितंबर) में कुल सकल जीएसटी संग्रह गिरकर 9.5 हो गया जो एक अंक था। इससे पिछले महीने तक (अप्रैल से अगस्त) में कुल सकल जीएसटी संग्रह में 10.1 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी। निश्चित रूप से सितंबर के आंकड़े अगस्त में वस्तु एवं सेवा के लेनदेन को दर्शाते हैं।
वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) में औसत मासिक सकल जीएसटी संग्रह गिरकर 1.77 लाख करोड़ रुपये पर आ गया जबकि यह पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में 1.86 लाख करोड़ रुपये था। हालांकि सितंबर के आंकड़े यह दर्शाते हैं कि लगातार सातवें महीने संग्रह 1.7 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा।
कर विशेषज्ञों के अनुसार त्योहारी मौसम आने के कारण आने वाले कुछ महीनों में कर संग्रह सुधर सकता है। पीडब्ल्यूसी इंडिया के साझेदार प्रतीक जैन के अनुसार, ‘हालांकि इस साल अब तक जीएसटी राजस्व नौ प्रतिशत से अधिक बढ़ा है। लेकिन मासिक वृद्धि अनुमान से कम है। लिहाजा दर युक्तिसंगत बनाने की प्रक्रिया के मद्देनजर जीएसटी परिषद को करीबी ढंग से जांच पड़ताल करने की जरूरत है। हालांकि त्योहारी मौसम करीब आने के कारण अगले कुछ महीनों में जीएसटी संग्रह बेहतर हो सकता है।’
सितंबर में उत्तराखंड (14 प्रतिशत), हरियाणा (24 प्रतिशत) और दिल्ली (20 प्रतिशत) जैसे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने दो अंकों में वृद्धि दर्ज की। हालांकि प्रमुख राज्यों उत्तर प्रदेश (3 प्रतिशत), गुजरात (0 प्रतिशत), महाराष्ट्र (5 प्रतिशत), कर्नाटक (8 प्रतिशत), तमिलनाडु (5 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (-4 प्रतिशत) की वृद्धि दर एक अंक या ऋणात्मक रही।