facebookmetapixel
सुप्रीम कोर्ट ने कहा: बिहार में मतदाता सूची SIR में आधार को 12वें दस्तावेज के रूप में करें शामिलउत्तर प्रदेश में पहली बार ट्रांसमिशन चार्ज प्रति मेगावॉट/माह तय, ओपन एक्सेस उपभोक्ता को 26 पैसे/यूनिट देंगेबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोले CM विष्णु देव साय: नई औद्योगिक नीति बदल रही छत्तीसगढ़ की तस्वीर22 सितंबर से नई GST दर लागू होने के बाद कम प्रीमियम में जीवन और स्वास्थ्य बीमा खरीदना होगा आसानNepal Protests: सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ नेपाल में भारी बवाल, 14 की मौत; गृह मंत्री ने छोड़ा पदBond Yield: बैंकों ने RBI से सरकारी बॉन्ड नीलामी मार्च तक बढ़ाने की मांग कीGST दरों में कटौती लागू करने पर मंथन, इंटर-मिनिस्ट्रियल मीटिंग में ITC और इनवर्टेड ड्यूटी पर चर्चाGST दरों में बदलाव से ऐमजॉन को ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल में बंपर बिक्री की उम्मीदNDA सांसदों से PM मोदी का आह्वान: सांसद स्वदेशी मेले आयोजित करें, ‘मेड इन इंडिया’ को जन आंदोलन बनाएंBRICS शिखर सम्मेलन में बोले जयशंकर: व्यापार बाधाएं हटें, आर्थिक प्रणाली हो निष्पक्ष; पारदर्शी नीति जरूरी

देशों को विकास लक्ष्यों के लिए 4.5 लाख करोड़ डॉलर की जरूरत: उदय कोटक

कोटक ने उद्योग मंडल CII द्वारा आयोजित B-20 शिखर सिम्मेलन में कहा, 'अगले 7-10 वर्षों में लगभग 4.5 लाख करोड़ डॉलर की जरूरत है

Last Updated- August 25, 2023 | 8:49 PM IST

वैश्विक आर्थिक सुधार के लिए वित्त पोषण पर B-20 इंडिया कार्य बल के अध्यक्ष उदय कोटक ने शुक्रवार को कहा कि देशों को अपने विकास लक्ष्यों को वित्तपोषित करने के लिए अगले 7-10 साल में लगभग 4.5 लाख करोड़ डॉलर की जरूरत होगी।

कार्य बल ने अपनी सिफारिश में कंपनियों के लिए वित्त पोषण के तरीके भी सुझाए। इसने एक ‘वैश्विक कोष’ स्थापित करने का सुझाव दिया, जिसमें वैश्विक स्तर पर प्रत्येक कंपनियां अपने लाभ का 0.2 प्रतिशत सामाजिक विकास लक्ष्यों के लिए योगदान दें।

कोटक ने उद्योग मंडल CII द्वारा आयोजित B-20 शिखर सिम्मेलन में कहा, ‘अगले 7-10 वर्षों में (विकास लक्ष्यों की प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए) लगभग 4.5 लाख करोड़ डॉलर की जरूरत होगी।’

कोटक ने कहा, ‘हम जो प्रस्ताव दे रहे हैं वह यह है कि प्रत्येक कंपनी दुनिया के लिए सामाजिक विकास लक्ष्यों (SDG) में लाभ का 0.2 प्रतिशत योगदान दे। यह दुनिया के लिये प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि भारत में हर कंपनी अपने लाभ का दो प्रतिशत कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) में योगदान करती है।

कोटक ने कहा, ‘CSR के लिए दो प्रतिशत में से 0.2 प्रतिशत उस वैश्विक कोष में हमारा योगदान हो सकता है, जिसमें हर देश को कंपनियों से योगदान करने का एक तरीका खोजना चाहिए।’

‘वैश्विक निधि’ के उपयोग के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा, जैव विविधता और महासागर प्रदूषण हो सकते हैं।

कोटक ने कहा, ‘यह पासा पलटने वाला साबित हो सकता है। मैं जी-20 देशों को उन तरीकों का पता लगाने की सलाह दूंगा जिनके द्वारा कंपनियां स्वेच्छा से या विनियमन के माध्यम से, इन महत्वपूर्ण परिवर्तन लक्ष्यों के लिए लाभ का 0.2 प्रतिशत योगदान कर सकते हैं।’

First Published - August 25, 2023 | 8:49 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट