भारत के आठ प्रमुख आधारभूत क्षेत्रों का उत्पादन बीते 42 महीनों के दौरान अगस्त में पहली बार सालाना आधार पर 1.8 फीसदी घटा। यह जानकारी उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के आंकड़ों में बुधवार को दी गई।
औद्योगिक गतिविधियों पर मॉनसून का प्रभाव पड़ने और उच्च आधार के कारण यह गिरावट आई है। जून 2024 में उत्पादन में 6.1 फीसदी की बढ़त हुई थी जबकि अगस्त 2023 में इसमें बढ़त 13.4 फीसदी थी। ये आठ प्रमुख क्षेत्र कोयला, स्टील, सीमेंट, उर्वरक, बिजली, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद और कच्चा तेल हैं। भारत के कुल औद्योगिक उत्पादन में इन आठ क्षेत्रों का योगदान करीब 40 फीसदी होता है। लिहाजा इनका सूचकांक पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। स्टील और उर्वरक की क्रमश: 4.5 फीसदी और 3.2 फीसदी की वृद्धि को छोड़कर अन्य छह क्षेत्रों में गिरावट दर्ज हुई।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि बहुत ज्यादा बारिश होने से खनन गतिविधियां प्रभावित हुईं। इससे कोयला, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में गिरावट आई। इससे इस माह के दौरान बिजली उत्पादन में भी कमी आई। इन क्षेत्रों के जुलाई और अगस्त 2024 के प्रदर्शन से जानकारी मिलती है कि वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही के पहले दो महीनों में विनिर्माण गतिविधियां सुस्त हुईं। उनका अनुमान है कि वर्तमान वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 25) की तीसरी तिमाही में उत्पादन सामान्य होने से पहले सितंबर में यह सुस्त रहेगा।
अगस्त में कोयले के उत्पादन में 8.1 फीसदी की गिरावट आई जबकि बिजली उत्पादन में 5 फीसदीे की गिरावट आई। अगस्त में प्राकृतिक गैस, कच्चा तेल, रिफाइनरी उत्पाद और सीमेंट के उत्पादन में क्रमश 3.6 फीसदी, 3.4 फीसदी, 1 फीसदी और 3 फीसदी की गिरावट आई।
इंडिया रेटिंग्स के वरिष्ठ विश्लेषक पारस जसराज ने बताया कि देश में मॉनसून के तेजी से बढ़ने के कारण कोयला और बिजली क्षेत्र के उत्पादन में गिरावट आई थी और इससे बिजली की मांग घट गई थी।