जून में आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों (कोर सेक्टर) का उत्पादन बढ़कर पांच महीने की ऊंचाई 8.2 फीसदी पर पहुंच गया। इन आठ में से सात उद्योगों में सकारात्मक वृद्धि और उच्च बेस इफेक्ट के बावजूद उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई। पिछले साल जून में प्रमुख उद्योगों की वृद्धि दर 13.1 फीसदी रही थी। मई 2023 में यह 4.3 फीसदी के अनुमान से बढ़कर 5 फीसदी रही थी।
वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार को बुनियादी उद्योगों से संबंधित आंकड़े जारी किए। आंकड़ों के मुताबिक, जून में प्रमुख बुनियादी क्षेत्रों की वृद्धि दर सालाना आधार पर कमजोर पड़ने के बावजूद पिछले पांच महीनों में सबसे अधिक रही। इससे पहले जनवरी, 2023 में इन आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर 9.7 फीसदी रही थी।
आंकड़ों से पता चलता है कि जून में उर्वरक के उत्पादन में 3.4 फीसदी और सीमेंट के उत्पादन में 9.4 फीसदी की वृद्धि हुई जो पिछले महीने से कम है। हालांकि कोयले का उत्पादन 9.8 फीसदी, रिफाइनरी उत्पादों में 4.6 फीसदी, इस्पात में 21.9 फीसदी और बिजली के उत्पादन में 3.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई जो पिछले महीने से अधिक है।
हालांकि कच्चे तेल के उत्पादन (-0.6 फीसदी) में लगातार 13वें महीने भी संकुचन दिखा, मगर प्राकृतिक गैस के उत्पादन (3.6 फीसदी) में पिछले तीन महीनों के दौरान पहली बार जून में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई।
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बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि उच्च बेस इफेक्ट के बावजूद प्रमुख बुनियादी क्षेत्र की वृद्धि आकर्षक है। इससे इस वर्ष बुनियादी ढांचा क्षेत्र में उछाल दिखाई दे रहा है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के भारांश में आठ प्रमुख उद्योगों का हिस्सेदारी 40.27 फीसदी है। इसलिए आईआईपी के लिए इन उद्योगों का प्रभाव काफी महत्त्वपूर्ण माना जाता है।
इक्रा रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि जून में खनन और बिजली क्षेत्र में बढ़ोतरी के कारण मजबूती दिखी। जून 2023 में आईआईपी वृद्धि 4 से 6 फीसदी के दायरे में रहने की उम्मीद है।