वैश्विक स्तर पर वित्तीय क्षेत्र की अग्रणी कंपनी सिटीग्रुप ने चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक विकास दर का 6.8 फीसदी का पूर्वानुमान किया जो पहले 7.2 फीसदी थी।
कंपनी ने खपत एवं निवेश में आई गिरावट के चलते देश के आर्थिक विकास दर का पूर्वानुमान घटा दिया है। सिटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि घरेलू एवं वैश्विक मोर्चे पर वृध्दि के आंकड़े अनुमान से कम रहे हैं। ऐसी स्थिति में आर्थिक आंकड़े खपत एवं निवेश क्षेत्र में मंदी को दर्शाते हैं।
सिटीग्रुप ने वित्त वर्ष 2009-10 के लिए देश के विकास के पूर्वानुमान को भी घटाकर 5.5 फीसद कर दिया है जो पहले 6.6 फीसद रखा गया था। गौरतलब है कि पिछले महीने भारतीय रिजर्व बैंक ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 350 आधार अंकों की कटौती तथा सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) में 100 आधार अंकों की कटौती कर बाजार में तरलता लाने के लिए 2,70,000 करोड़ रुपए डाले थे।
आरबीआई ने कम अवधि वाली ऋण (दर रेपो)में पिछले महीने150 आधार अंकों की कटौती कर इसे 7.5 फीसद कर दिया था जो पहले 9 फीसद थी। सिटीग्रुप के मुताबिक आरबीआई की मौद्रिक नीति से तरलता को बढ़ावा मिलेगा।