महंगाई वध के लिए भारत सरकार के वित्तीय सेनापति यानी वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने मंगलवार को अपने तरकश से कई तीर छोड़े।
लोकसभा में वित्त विधेयक पर तीन दिन की चर्चा के बाद कहीं टैक्स लगाने और कहीं टैक्स छूट देने के चिदंबरम के इन तीरों को लेकर कोई आरोप लगने से पहले ही उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि सरकार टैक्स की दरों में वृध्दि नहीं करना चाहती बल्कि इसके आधार को बढ़ाना चाहती है।
आइए देखते हैं कि क्या-क्या निकला चिदंबरम के तरकश से
इस्पाती दुर्ग पर फिर हमला: महंगाई दर में 21 फीसदी का योगदान रखने वाले इस्पात मूल्यों को भी एक बार फिर निशाना बनाते हुए उन्होंने इसके निर्यात पर फौलादी शिकंजा कसने का ऐलान कर दिया। इसके लिए विभिन्न इस्पात उत्पादों पर 15 प्रतिशत तक का निर्यात शुल्क लगा दिया गया। यही नहीं, चिदंबरम ने सेमी फिनिश्ड स्टील उत्पादों पर भी 15 प्रतिशत निर्यात शुल्क तथा गैल्वेनाइज्ड शीट पर पांच प्रतिशत का शुल्क लगाने की घोषणा कर दी।
हालांकि उन्होंने इस्पात उद्योग को कुछ राहत भी दी। इसके तहत, इस्पात पर आयात शुल्क को घटाने, मूल इस्पात निर्माण के काम आने वाली कच्ची सामग्री मेटकोक, फेरो अयस्क तथा जस्ते आदि पर सीमा शुल्क को भी घटाकर शून्य करने और टीएमटी छड़ आदि निर्माण सामग्री पर काउंटरवेलिंग डयूटी को समाप्त करने के कदम भी उठाए।
सीमेंट भी साधा: वित्त मंत्री ने पैकेटबंद सीमेंट पर अन्य शुल्कों की बजाय 12 फीसदी का उत्पाद शुल्क लगा दिया। 250 रुपये या उससे ज्यादा की कीमत के सीमेंट बैग पर 12 फीसदी की एडवैलोरम डयूटी भी लगाने की घोषणा की।
आईटी के डाउन सर्वर को चलाया: सॉफ्टवेयर टेक्नॉलजी पार्क और नियार्तोन्मुखी इकाइयों को टैक्स छूट की अवधि 31 मार्च 2010 तक करके चिदंबरम ने अमेरिकी मंदी की मार से डाउन चल रहे आईटी उद्योग में जान फूंकने की कोशिश की।
उबलते चावल पर भी मारी फूंक: बासमती चावल के निर्यात पर प्रति टन 8000 रुपये का निर्यात कर लगाकर चिदंबरम ने चावल के उबलते दामों को ठंडा करने की कवायद भी की। गैर बासमती चावल के निर्यात पर पहले ही पाबंदी लगाई जा चुकी है।
ताकि दूध में भी न रहे काला: स्किम्ड मिल्क पाउडर के सीमा शुल्क को घटाकर 15 से 5 फीसदी लाया गया। हालांकि यह कटौती केवल 10 हजार टन सालाना के कोटा के लिए है।
कच्चे तेल के खेल पर भी टिकी नजर: एक अप्रैल 2009 के स्थान पर अब एक अप्रैल 2012 के बाद शुरू होने वाले तेल शोधन कारखानों पर सात साल की टैक्स छूट समाप्त होगी।
रत्न उद्योग चमकाया: तराशे और पॉलिश किए हुए रत्नों से सीमा शुल्क पूरी तरह से हटाने का ऐलान करके वित्त मंत्री ने फीके पड़ रहे रत्न उद्योग को चमकाने की भी कोशिश की।
कागज की डगमगाती किश्ती को संभाला: न्यूजप्रिंट से मूल सीमा शुल्क को पांच प्रतिशत से घटाकर दो प्रतिशत कर के वित्त मंत्री ने न्यूजप्रिंट की महंगाई से जार-जार रो रहे प्रकाशन उद्योग को थोड़ी राहत दे दी।
तीर अभी और भी हैं: चिदंबरम ने वैसे तो यह दावा किया कि मौद्रिक नीति और वित्तीय उपायों का महंगाई दर पर प्रभाव पड़ेगा लेकिन साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर सरकार और प्रशासनिक कदम भी उठाएगी।