World Bank Biz Index: विश्व बैंक इस समय ईज आफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स की जगह न्यू बिजनेस एनवायरनमेंट रिपोर्ट जारी करने की तैयारी कर रहा है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार शुरुआती तैयारी कर रही है, जिससे कि कारोबार सुगमता के लिए किए गए सरकार के काम रिपोर्ट में शामिल हो सकें।
विश्व बैंक के मुताबिक बिजनेस रेडी (बी-रेडी) बहुपक्षीय संस्था की नई प्रमुख रिपोर्ट है, जिसमें विश्व की ज्यादातर अर्थव्यवस्थाओं में कारोबार और निवेश के माहौल के मानकों का ब्योरा शामिल होगा। रिपोर्ट में नियामक ढांचे और फर्मों को निर्देशित सार्वजनिक सेवाओं, नियामक ढांचे और सार्वजनिक सेवाओं को लागू करने की दक्षता का आकलन होगा।
पहली बी-रेडी रिपोर्ट 25 सितंबर, 2024 को पेश की जाएगी। सरकार के सूत्रों के मुताबिक भारत के कारोबारी वातावरण पर रिपोर्ट 2026 में प्रकाशित होगी और सर्वे इस साल के आखिर से शुरू होगा।
वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) भारत में चलने वाली इस प्रक्रिया के लिए नोडल एजेंसी है।
इस माह की शुरुआत में बिजनेस स्टैडर्ड से बातचीत में डीपीआईआईटी के सचिव आरके सिंह ने कहा था, ‘हम उन देशों के समूह में शामिल होंगे, जिन्हें साल की दूसरी छमाही में बी-रेडी सर्वे में शामिल किया जाएगा।
मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी संबंधित मंत्रालयों के साथ महीने में दो बार बैठक करते हैं, जिससे यह आकलन किया जा सके कि बी-रेडी की 1,300 सवालों की प्रश्नावली में हम किस स्थिति में हैं। इसकी कवायद पहले से चल रही है। यह एक चल रही प्रक्रिया है और हम इस पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं।’
नए सूचकांक की कार्यपद्धति के मुताबिक विभिन्न मंत्रालयों को सवाल आवंटित किए गए हैं और अधिकारियों को इस मसले पर काम सौंपा गया है, जिससे वे प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रभावित करने वाले सभी कानूनों पर काम कर सकें। इनमें श्रम कानून, कराधान प्रक्रिया और नियामक ढांचा शामिल है।
पूंजी केंद्रित मंत्रालयों से बुनियादी ढांचे और संबद्ध सेवाओं के निर्माण, आपूर्ति श्रृंखला के अवरोध दूर करने संबंधी कारोबार सुगमता की गतिविधियों के आंकड़े उपलब्ध कराने की उम्मीद है।
सिंह ने कहा था कि केंद्र सरकार, राज्यों के बिजनेस रिफॉर्म ऐक्शन प्लान में बी-रेडी से जुड़े कुछ मानकों को शामिल करने की योजना बना रही है। विश्व बैंक ने अपने एक सार्वजनिक बयान में कहा है कि परियोजना के तीसरे चरण के लिए तय अर्थव्यवस्थाओं के समूह में भारत को शामिल किया जाएगा।
चीन की रैंकिंग में सुधार करने के लिए 2017 में कथित तौर पर कुछ शीर्ष बैंक अधिकारियों के दबाव के कारण डेटा अनियमितताओं की जांच के बाद विश्व बैंक समूह ने 2021 में अगली ‘डूइंग बिजनेस’ रैंकिंग रिपोर्ट को बंद करने के अपने फैसले की घोषणा की थी।
उस समय भारत ने कहा था कि इससे कारोबारी वातावरण में सुधार के लिए भारत में चल रहे सुधार की प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
विश्व बैंक द्वारा अक्टूबर 2019 में जारी ईज आफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में भारत को 63वां स्थान मिला था और वह एक साल पहले की तुलना में 14 पायदान ऊपर आया था।
विश्व बैंक की निगरानी संस्था ब्रेटन वुड्स प्रोजेक्ट द्वारा प्रकाशित अक्टूबर 2023 में हुए सम्मेलन के ब्योरे के मुताबिक अर्थशास्त्री नॉर्मन लोयजा ने कहा था कि डूइंग बिजनेस रिपोर्ट किसी फर्म या उद्यमी के हिसाब से कारोबार की सुगमता के बारे में थी, लेकिन बी-रेडी में विश्व बैंक निजी क्षेत्र को समग्रता के हिसाब से देख रहा है, जिसमें कामगारों और वातावरण सहित व्यापक पहलुओं को देखा गया है।