वित्त मंत्रालय द्वारा वैकल्पिक निवेश फंडों (एआईएफ) के निवेश पैटर्न में संशोधन कर निजी सेवानिवृत कोष की निवेश सीमा कुल निवेश योग्य के 5 प्रतिशत तक किए जाने से उद्योग के जानकारों का कहना है कि इससे स्टार्टअप और फंडों में घरेलू पंूजी को बढ़ावा मिलेगा। इससे भारतीय स्टार्टअप प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। इससे अच्छी गुणवत्ता के वीसी को भारतीय स्रोतों से पूंजी जुटाने में भी मदद मिलेगी।
भारतीय पूंजी ने पारंपरिक तौर पर भारतीय स्टार्टअप व्यवस्था के विकास में मामूली योगदान दिया है। वीसी फंड 3वन4 कैपिटल के संस्थापक भागीदार सिद्घार्थ पई के अनुसार, इसकी मुख्य वजह एआईएफ में भागीदारी से भारतीय संस्थागत पूंजी पर नियामकीय प्रतिबंध हैं।
अपने पोर्टफोलियो में लिसियस और यूलू जैसे स्टार्टअप का प्रबंधन करने वाले पई ने कहा, ‘कम प्रतिफल वाले परिवेश में, वैश्विक संस्थागत निवेशक अपने आंतरिक प्रतिफल मानकों को पूरा करने के प्रयास में वृद्घि पर जोर दे रहे हैं और भारतीय स्टार्टअप विकास के मजबूत इंजन के तौर पर उभरे हैं। इन बदलावों के साथ, भारतीय संसथागत निवेशकों ने आखिरकार इस विकास की कहानी में भागीदार बनने में अपना योगदान बढ़ाया है और उपयुक्त प्रतिफल के लिए अनुकूल परिसंपत्ति आवंटन पर जोर दिया है।’
