facebookmetapixel
त्योहारी सीजन में EV की टक्कर! ₹16 लाख की VinFast ने ₹60 लाख वाली Tesla को छोड़ा पीछेEarthquake Today: अंडमान में धरती डोली! 5.4 तीव्रता के झटकों से दहशतFPIs ने फिर खोला बिकवाली का सिलसिला, नवंबर में निकाले ₹12,569 करोड़Market Outlook: इस हफ्ते शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे महंगाई डेटा और तिमाही नतीजेMCap: टॉप-10 कंपनियों की मार्केट कैप में भारी गिरावट, Airtel-TCS सबसे ज्यादा प्रभावितथाईलैंड जाने वाले सावधान! शराब पीना अब महंगा, नियम तोड़ा तो लगेगा 27,000 रुपये तक का जुर्मानाDelhi AQI Today: दिल्ली में जहरीली धुंध! AQI 400 पार, सांस लेना हुआ मुश्किल; GRAP 3 हो सकता है लागू!डिजिटल गोल्ड के झांसे से बचें! सेबी ने बताया, क्यों खतरे में है आपका पैसाकेंद्र सरकार ने चीनी निर्यात पर लगाई मुहर, मोलासेस टैक्स खत्म होने से चीनी मिलों को मिलेगी राहतCDSCO का दवा कंपनियों पर लगाम: रिवाइज्ड शेड्यूल एम के तहत शुरू होंगी जांचें; अब नहीं चलेगी लापरवाही

Budget: विकसित भारत के लिए बदलनी होगी मानसिकता

बजट से पहले पीएम मोदी ने अर्थशास्त्रियों के साथ की बैठक, आर्थिक वृद्धि और रोजगार पर चर्चा

Last Updated- December 24, 2024 | 10:38 PM IST
PM Modi at Ashtalakshmi Mahotsav

वित्त वर्ष 2026 का बजट पेश किए जाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जानेमाने अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक की। बैठक में ‘वैश्विक अनिश्चितता के दौर में भारत की वृद्धि रफ्तार को बरकरार रखने’ के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया गया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में पीएम नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा कि मानसिकता में बुनियादी बदलाव के जरिये विकसित भारत के सपने को साकार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारी मानसिकता 2047 तक भारत को विकसित बनाने पर केंद्रित होनी चाहिए।

बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री ने की और उसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन और नीति आयोग के अधिकारियों ने भाग लिया। बयान में कहा है, ‘प्रतिभागियों ने कई महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। इनमें वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता एवं भू-राजनीतिक तनाव के कारण पैदा हुई चुनौतियों से निपटने के अलावा युवाओं के बीच रोजगार बढ़ाने और सभी क्षेत्रों में स्थायी रोजगार के अवसर पैदा करने की रणनीतियां शामिल हैं। इसके अलावा शिक्षण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों को रोजगार बाजार की उभरती जरूरतों के अनुरूप ढालने, कृषि उत्पादकता बढ़ाने, स्थायी ग्रामीण रोजगार पैदा करने, आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने, निजी निवेश को प्रोत्साहित करने, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए रकम जुटाने, वित्तीय समावेशन को बेहतर करने, निर्यात को बढ़ावा देने और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के उपायों पर चर्चा की गई ।’

बैठक में शामिल एक व्यक्ति ने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि कौशल बढ़ाने और व्यावसायिक शिक्षा की खामियों को दूर करने पर काफी चर्चा हुई। उन्होंने कहा, ‘कृषि एवं इससे संबंधित क्षेत्र और एमएसएमई पर भी चर्चा हुई। इस बात पर भी चर्चा की गई कि वैश्विक मूल्य श्रृंखला में शामिल होने और मुक्त व्यापार समझौतों के मामले में हमारा क्या रुख होना चाहिए। कुछ प्रतिभागियों ने एमएसएमई के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना पर भी सुझाव दिए।’

बैठक में सुरजीत एस भल्ला, अशोक गुलाटी, सुदीप्त मुंडले, धर्मकीर्ति जोशी, जनमेजय सिन्हा, मदन सबनवीस, अमिता बत्रा, रिधम देसाई, चेतन घाटे, भरत रामास्वामी, सौम्य कांति घोष, सिद्धार्थ सान्याल, लवीश भंडारी, रजनी सिन्हा, केशव दास, प्रीतम बनर्जी, राहुल बाजोरिया, निखिल गुप्ता और शाश्वत आलोक मौजूद थे।

First Published - December 24, 2024 | 10:38 PM IST

संबंधित पोस्ट