अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर सरकार को बड़ी राहत मिली है। फरवरी में खुदरा महंगाई दर (CPI) घटकर 3.61 फीसदी पर आ गई है। सब्जियों एवं प्रोटीन-वाले प्रोडक्ट्स की कीमतों में नरमी का असर खुदरा महंगाई पर देखने को मिला। दूसरी ओर, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में बढ़ोतरी हुई है। जनवरी में देश के औद्योगिक उत्पादन (IIP) में 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। मैन्यूफैक्चरिंग के अच्छे प्रदर्शन का असर इंडस्ट्री की ग्रोथ पर दिखाई दिया।
सब्जियों एवं प्रोटीन-युक्त उत्पादों की कीमतों में वृद्धि की दर घटने से फरवरी में खुदरा मुद्रास्फीति सालाना आधार पर घटकर 3.61 फीसदी पर आ गई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने फरवरी महीने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी किए। खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में 4.26 फीसदी के स्तर पर थी, जबकि फरवरी, 2024 में यह 5.09 फीसदी थी।
आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि फरवरी, 2025 के लिए सालाना आधार पर खाद्य मुद्रास्फीति दर 3.75 प्रतिशत रही है। एनएसओ ने कहा, ‘‘जनवरी की तुलना में फरवरी, 2025 में खाद्य मुद्रास्फीति में 2.22 फीसदी की बड़ी गिरावट देखी गई है। फरवरी में खाद्य मुद्रास्फीति मई, 2023 के बाद सबसे कम है।’’ एनएसओ ने कहा कि फरवरी के दौरान मुख्य मुद्रास्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति में उल्लेखनीय गिरावट मुख्य रूप से सब्जियों, अंडे, मांस और मछली, दालों और इसके उत्पादों और दूध और उसके उत्पादों की मुद्रास्फीति में गिरावट के कारण हुई है।
खुदरा महंगाई दर में आई इस गिरावट से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लिए अगले महीने होने वाली मौद्रिक समीक्षा के दौरान प्रमुख नीतिगत दर में लगातार दूसरी बार कटौती की गुंजाइश बन गई है।
आरबीआई ने मुद्रास्फीति के मोर्चे पर चिंताएं कम करने के लिए फरवरी में नीतिगत ब्याज दर में 0.25 फीसदी की कटौती करने का फैसला किया था। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की अगली समीक्षा बैठक अप्रैल की शुरुआत में होने वाली है। सरकार ने आरबीआई को खुदरा महंगाई दर 2 फीसदी की घट-बढ़ के साथ 4 फीसदी के भीतर रखने का दायित्व सौंपा हुआ है। आरबीआई अपनी मौद्रिक दरों का फैसला करते समय खुदरा मुद्रास्फीति पर विशेष ध्यान देता है।
मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के अच्छे प्रदर्शन से देश के औद्योगिक उत्पादन (IIP) में इस साल जनवरी में 5 फीसदी की वृद्धि हुई। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के संदर्भ में मापा जाने वाला औद्योगिक उत्पादन जनवरी, 2024 में 4.2 फीसदी बढ़ा था। बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सरकार ने दिसंबर, 2024 में 3.2 प्रतिशत वृद्धि के अस्थायी अनुमान को संशोधित किया है। इसे अब संशोधित कर 3.5 फीसदी कर दिया गया है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2025 में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र का उत्पादन 5.5 फीसदी बढ़ा, जो एक साल पहले इसी महीने में 3.6 फीसदी बढ़ा था। खनन उत्पादन में वृद्धि घटकर 4.4 फीसदी रही जो एक साल पहले इसी महीने में छह प्रतिशत थी। बिजली उत्पादन में वृद्धि जनवरी, 2025 में धीमी होकर 2.4 फीसदी रही, जो एक साल पहले इसी महीने में 5.6 फीसदी थी। चालू वित्त वर्ष के पहले 10 माह (अप्रैल-जनवरी) के दौरान आईआईपी में वृद्धि दर कम होकर 4.2 फीसदी रही, जो कि एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में छह फीसदी थी।
(इनपुट: एजेंसियां)
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