सूक्ष्म वित्त के क्षेत्र में बदलाव को दर्शाने हुए परिसंपत्ति गुणवत्ता के दबाव में क्रमिक रूप से गिरावट आई है। सितंबर में 30 से अधिक दिन के बकाये वाला ऋण (30 प्लस डीपीडी) घटकर 10.4 प्रतिशत रह गया, जबकि जून2021 में यह 15 प्रतिशत था। जून महीने की तरह ही सितंबर 2021 में 90 प्लस डीपीडी 3.3 प्रतिशत के स्तर पर स्थिर रहा। ऋण की जानकारी देने वाले सीआरआईएफ हाई मार्क ने यह जानकारी दी है।
जहां एक ओर मार्च 2021 में 30 प्लस डीपीडी 9.5 प्रतिशत रहा, वहीं दूसरी ओर इसी अवधि में 90 प्लस डीपीडी के लिए यह 4.4 प्रतिशत रहा। वैश्विक महामारी कोविड-19 की पहली लहर की वजह से प्रतिकूल प्रभावों से निपटने के लिए मार्च-अगस्त 2020 के लिए पुनर्भुगतान पर दिए गए मोरेटोरियम के कारण सितंबर 2020 के आंकड़ों के साथ तुलना करना ज्यादा उपयोगी है। इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय ने खातों को गैर-निष्पादित ऋण के रूप में वर्गीकृत करने पर अंतरिम रोक भी लगा दी थी।
देश में सूक्ष्म वित्त के क्षेत्र में सकल ऋण पोर्टफोलियो (जीएलपी) सितंबर 2021 के अंत में 2.1 प्रतिशत तक की वृद्धि के साथ 2.49 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो जून 2021 के अंत में 2.43 लाख करोड़ रुपये था। पिछली तिमाही (वित्त वर्ष 22 की पहली तिमाही) में तिमाही आधार पर लगभग सात प्रतिशत की गिरावट के बाद ऐसा हुआ है, जिसे कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से प्रतिकूल रूप प्रभावित रहने वाली तिमाही के रूप में चिह्न्ति किया गया था। मार्च 2021 में यह जीएलपी 2.61 लाख करोड़ रुपये था।
