facebookmetapixel
Gold and Silver Price Today: सोना-चांदी की कीमतों में उछाल! सोने का भाव 125000 रुपये के पार; जानें आज के ताजा रेटPhysicsWallah IPO: सब्सक्राइब करने के लिए खुला, अप्लाई करें या नहीं; जानें ब्रोकरेज का नजरियाBihar Elections 2025: दिल्ली ब्लास्ट के बाद हाई अलर्ट में बिहार चुनाव का आखिरी फेज, 122 सीटों पर मतदाता करेंगे फैसलाडिमर्जर के बाद Tata Motors में कौन चमकेगा ज्यादा? जेपी मॉर्गन और SBI की बड़ी राय सामने आई₹5.40 प्रति शेयर तक डिविडेंड पाने का मौका! 12 नवंबर को एक्स-डेट पर ट्रेड करेंगे ये 5 स्टॉक्सDharmendra Health Update: ‘पापा ठीक हैं!’ धर्मेंद्र की सेहत को लेकर वायरल अफवाहों पर Esha Deol ने शेयर किया इंस्टा पोस्टभारत-अमेरिका ट्रेड डील जल्द होगी सकती है फाइनल, ट्रंप ने दिए संकेत; कहा – पीएम मोदी से शानदार रिश्तेटाटा मोटर्स CV के शेयर 12 नवंबर को होंगे लिस्ट, डिमर्जर के बाद नया सफर शुरूStock Market Update: सपाट शुरुआत के बाद बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 200 अंक गिरा; निफ्टी 25550 के नीचेDelhi Red Fort Blast: देशभर में हाई अलर्ट! यूपी-महाराष्ट्र-गुजरात में बढ़ी सुरक्षा, शाह बोले- हर एंगल से जांच जारी; UAPA के तहत मामला दर्ज

एशियाई विकास भी गड़बड़ाएगा

Last Updated- December 07, 2022 | 9:07 PM IST

एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने एशिया के विकासशील देशों की विकास रफ्तार के बारे में कहा है कि इस साल यह 7.5 फीसदी की दर से अपनी विस्तार करना जारी रखेंगीं पर पश्चिमी देशों में आए वित्तीय भूचाल इनके विकास को प्रभावित कर सकता है।


एशियाई विकास बैंक (एडीबी)ने कहा कि बढ़ती मुद्रास्फीति, वित्तीय बाजार में उथल-पुथल और वैश्विक मांग में कमजोरी के कारण विकासशील एशिया की विकास दर घटकर 7. 5 फीसदी रह जाएगी जो साल 2007 में नौ फीसदी थी।

मनीला स्थित ऋणदाता की रपट में कहा गया कि मुद्रास्फीति बढ़कर 7. 8 फीसदी हो जाएगी जो पिछले साल 4. 3 फीसदी थी। इससे इस क्षेत्र पर और असर होगा जहां खाद्य पदार्थों और र्इंधन की कीमतें पारिवारिक खर्च का 60 फीसदी है। अगले साल मुद्रास्फीति छह फीसदी हो सकती है।

एशिया में बने उत्पादों को भारी मात्रा में खरीदने वाले यूरोप और अमेरिका में गिरावट से स्थिति और गंभीर होगी। पहले ही ऐसे संकेत मिल रहे थे कि निर्यात कम हो रहा है।  एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री अफजल अली ने कहा, ”अनकपलिंग विकसित देशों में हो रही गिरावट का असर न होना मिथक है। ” उन्होंने कहा, ”यह क्षेत्र अभी भी अपने विकास के लिए औद्योगिक देशों पर निर्भर है।

यदि वैश्विक मंदी 2009 से आगे बढ़ती है तो इस क्षेत्र पर बहुत भयानक असर हो सकता है।’ बैंक के प्रमुख आर्थिक विशेषज्ञ इफजल अली ने हांगकांग में पत्रकारों को यह बताया कि एशियाई बाजारों के प्रति अप्रैल में हमने जो अनुमान लगाए थे उनके मुकाबले अब जोखिम कहीं ज्यादा है।

सबसे बड़ा जोखिम अमेरिकी वित्तीय संकट का है जो जी3 देशों, एशियाई निर्यात और वित्तीय बाजार को हानि पहुंचाएगा। अली ने यह भी कहा कि इस वक्त नतीजतन एशियाई देशों के लिए दरकार इस बात की है कि वो विकास के बजाए महंगाई से निपटने पर ध्यान केंद्रित करें।

मालूम हो कि मनीला स्थित बैंक ने एशियाई देशों की विकास रफ्तार का अनुमान लीमन ब्रदर्स के दिवालिया होने और मेरिल लिंच के बिकने से पहले की गई थी। इसमें विकास रफ्तार को 7.6 फीसदी अनुमानित किया गया था जो अब के अनुमान 7.5 फीसदी से थोड़ा ज्यादा था।

First Published - September 16, 2008 | 10:48 PM IST

संबंधित पोस्ट