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पूंजीगत व्यय में आंध्र प्रदेश सबसे पीछे, कर्नाटक-बिहार का प्रदर्शन तय लक्ष्य से बेहतर

बैंक ऑफ बड़ौदा के अर्थशास्त्रियों की ओर से कराए गए विश्लेषण के अनुसार, सिर्फ चार राज्यों- कर्नाटक, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और बिहार का पूंजीगत व्यय उनके लक्ष्यों से ज्यादा रहा

Last Updated- June 25, 2023 | 5:12 PM IST
Andhra Pradesh lags behind in capital expenditure, performance of Karnataka-Bihar better than target
BS

बीते वित्त वर्ष 2022-23 में ज्यादातर बड़े राज्य पूंजीगत व्यय के अपने लक्ष्यों से बड़े अंतर से पिछड़ गए। एक विश्लेषण के अनुसार 2022-23 में कुल पूंजीगत व्यय 7.4 लाख करोड़ रुपये आंका गया था, लेकिन वास्तव में इसके मुकाबले सिर्फ 76.2 प्रतिशत या 5.71 लाख करोड़ रुपये ही खर्च हो सके।

बैंक ऑफ बड़ौदा के अर्थशास्त्रियों की ओर से कराए गए विश्लेषण के अनुसार, सिर्फ चार राज्यों- कर्नाटक, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और बिहार का पूंजीगत व्यय उनके लक्ष्यों से ज्यादा रहा। इसके अलावा झारखंड और मध्य प्रदेश का पूंजीगत व्यय लक्ष्य के मुकाबले 98-98 प्रतिशत रहा। देश के 11 राज्यों ने 80 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर बेहतर प्रदर्शन किया।

वित्त वर्ष 2020-21 में तय लक्ष्य के मुकाबले पूंजीगत व्यय 72 प्रतिशत था। इसके बाद 2021-22 में कोविड-19 महामारी के कारण यह बढ़कर 95 प्रतिशत हो गया। पूंजीगत व्यय का लक्ष्य से कम रह जाना इसलिए भी आश्चर्यजनक है क्योंकि केंद्र सरकार ने समीक्षाधीन वित्त वर्ष जरूरी धनराशि जारी कर दी थी।

वित्त वर्ष 2022-23 में खराब प्रदर्शन में सबसे आगे आंध्र प्रदेश रहा, जो लक्ष्य के मुकाबले सिर्फ 23.1 प्रतिशत या 6,917 करोड़ रुपये व्यय कर सका। इसके बाद हरियाणा ने 48.1 प्रतिशत और राजस्थान ने 50.2 प्रतिशत व्यय किया। आंकड़ों के अनुसार त्रिपुरा ने 5,285 करोड़ रुपये के बजट में सिर्फ 2,185 करोड़ रुपये या 41.3 प्रतिशत व्यय किए और नगालैंड ने 16,650 करोड़ रुपये में से 7,936 करोड़ रुपये या 47.7 प्रतिशत व्यय किए। महाराष्ट्र ने तय लक्ष्य का 72.4 प्रतिशत, केरल ने 69.4 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश ने 69 प्रतिशत राशि खर्च की।

First Published - June 25, 2023 | 5:12 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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