देश में औद्योगिक वृध्दि की रफ्तार दिन-ब-दिन घटती ही जा रही है। फरवरी में औद्योगिक वृध्दि दर घटकर 8.6 प्रतिशत पर जा पहुंची, जबकि पिछले साल फरवरी में यह 11 प्रतिशत थी।
इसकी रफ्तार में ब्रेक लगाने में सबसे अहम भूमिका विनिर्माण क्षेत्र ने लगाई। आईआईपी में 80 फीसदी का वजन रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र की वृध्दि दर समीक्षाधीन माह में 8.6 प्रतिशत रही, जो फरवरी 2007 में 12 प्रतिशत थी। जनवरी में यह 5.9 प्रतिशत थी।
इस बाबत जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों के दौरान औद्योगिक वृध्दि दर 8.7 प्रतिशत थी। पूर्व वर्ष की समान अवधि में यह 11.2 प्रतिशत थी। औद्योगिक उत्पादन इन्डेक्स (आईआईपी) के जरिए आंकी जाने वाली औद्योगिक वृध्दि दर जनवरी में 5.3 प्रतिशत थी। उपभोक्ता सामान खंड में जनवरी में 3.1 प्रतिशत की नकारात्मक वृध्दि दर दर्ज हुई थी लेकिन फरवरी में यह बढ़कर 3.3 प्रतिशत हो गई।