रुपया 50 पार: रुपया शुरूआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले गिरकर 50.04 के नए निम्नतम स्तर पर पहुंच गया।
रुपये में यह गिरावट, विदेशी फंडों द्वारा भारी मात्रा में की जा रही पूंजी की निकासी और डालर में होने वाले आयात की मांग में बढ़ोतरी के कारण दर्ज हुई।
उत्पादन घटा, बढ़ेंगे दाम?: ओपेक ने विएना में हुई आपात बैठक में 1 नवंबर, 2008 से 15 लाख बैरल प्रति दिन के आधार पर अपने तेल उत्पादन में कमी करने का फैसला किया है। संगठन ने यह फैसला कच्चे तेल की घटती मांग और तेजी से कम होते दाम के चलते उठाया है।
बोले चिदंबरम
रिजर्व बैंक की ऋण नीति की मध्यावधि समीक्षा आशा के अनुरूप है।
केंद्रीय बैंक पारंपरिक और अपारंपरिक, दोनों ही तरीके अपनाएगा। हम सिर्फ पारंपरिक पहलों पर ही भरोसा नहीं कर सकते।
अगर जरूरत पड़ी तो केंद्रीय बैंक और नकदी भी डालेगा।
भारत वैश्विक संकट के असर का सामना कर रहा है और ऐसे में शांत रहना और भरोसा कायम रखना जरूरी है।
बोले गवर्नर
भारत का अंतर-बैंक बाजार सुव्यवस्थित रूप से काम कर रहा है।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा पूंजी की निकासी किए जाने के कारण विदेशी मुद्रा बाजार पर दबाव है।
भारतीय बैंकों को मार्क टु मार्केट में कम नुकसान हुआ है।
पीएम भी जुटे इलाज में
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत यूरोपीय और एशियाई देशों के नेताओं ने वित्तीय संकट और विश्व भर में आ रही मंदी पर काबू पाने के लिए संयुक्त वैश्विक समाधान तलाशने के उपायों पर चीन में चर्चा शुरू की। सातवीं एशिया यूरोप (असेम) बैठक में भाग लेने के लिए वह चीन की राजधानी पहुंचे।