दो हजार रुपये के नोट को 7 साल बाद अब आरबीआई सर्कुलेशन से वापस ले रहा है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि मौजूदा नोट जो बाजार में है वे अमान्य हो जाएंगे। बल्कि उनकी मान्यता पहले जैसी ही रहेगी। साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिमोनेटाइजेशन के तहत 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए थे और उनकी जगह आरबीआई ने नए 500 और 2000 रुपये के नोट जारी किए थे।
आपके पास अगर 2000 रुपये का नोट है, तो आप किसी भी बैंक की ब्रांच में जाकर उसे बदलवा सकते हैं। साथ ही एक बार में आप केवल 20,000 रुपये के नोट ही बदल सकते हैं। आरबीआई ने बैंकों को 23 मई से 30 सितंबर तक 2000 रुपये के नोट बदलने के निर्देश दिए हैं। आरबीआई ने बैंकों को आज से ही 2000 रुपये के नोट जारी करने की मनाही कर दी है।
वैसे रिजर्व बैंक ने साल 2019 से ही 2000 के नोट की छपाई बंद कर दी थी। आरबीआई का कहना है कि उन्होंने 2000 के नोट को डिमोनेटाइजेशन के बाद करेंसी जरूरतों को पूरा करने के लिए जारी किया था। अब 2000 से कम के करेंसी वाले नोट बाजार में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो गए हैं। इसलिए 2000 का नोट जिस उद्देश्य से छापा गया था वह उद्देश्य भी पूरा हो गया है।
2000 के 89 फीसदी नोट मार्च 2017 के पहले ही जारी किए गए थे। चूंकि, लंबे समय से नोट जारी नहीं किए गए इसलिए इनका सर्कुलेशन भी बहुत घट गया है। 31 मार्च 2018 को जहां 6.71 लाख करोड़ के ये नोट सर्कुलेशन में थे, अब 31 मार्च 2023 तक इनका सर्कुलेशन केवल 3.62 लाख करोड़ रह गया है।