दो हजार रुपये के 3.62 लाख करोड़ रुपये के नोट में से करीब 50 फीसदी यानी 1.8 लाख करोड़ रुपये के नोट बैंकों के पास वापस आए हैं, जिसमें से 85 फीसदी जमाएं हैं। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
पिछले महीने केंद्रीय बैंक ने क्लीन नोट पॉलिसी और इस्तेमाल के अभाव का हवाला देते हुए 2,000 रुपये के नोट वापस लेने का फैसला लिया था। वापसी की यह प्रक्रिया 23 मई से शुरू हुई और 30 सितंबर, 2023 तक चलेगी। 2016 में नोटबंदी के दौरान 2000 रुपये का नोट शुरू किया गया था और यह वैध मुद्रा बनी हुई है।
दास ने कहा, जहां तक 2,000 रुपये के नोट का सवाल है, हमने 31 मार्च 2023 को कहा था कि कुल 2000 रुपये के 3.62 लाख करोड़ रुपये के नोट सर्कुलेशन में थे। घोषणा के बाद अभी तक 1.8 लाख करोड़ रुपये के नोट वापस आए हैं। यह मोटे तौर पर 2,000 रुपये के कुल नोट का करीब 50 फीसदी है, जो 31 मार्च को चलन में थे।
31 मार्च, 2023 को 2,000 रुपये के 18,111 नोट सर्कुलेशन में थे, जो कुल सर्कुलेशन का 1.3 फीसदी बैठता है।
उन्होंने कहा, अनंतिम आधार पर हम कह सकते हैं कि 2,000 रुपये वाले करीब 85 फीसदी नोट बैंक खातों में जमाओं के रूप में वापस आ रहे हैं। यह हमारे अनुमान के मुताबिक है और अच्छी बात यह है कि किसी बैंक में इसे लेकर कोई भीड़भाड़ नहीं देखने को मिली।
आरबीआई ने 2018-19 में 2,000 रुपये का नोट छापना बंद कर दिया था। सर्कुलेशन में रहे ये बैंक नोट की कुल वैल्यू 31 मार्च, 2018 के सर्वोच्च स्तर 6.73 लाख करोड़ रुपये से घटकर 31 मार्च, 2023 को 3.62 लाख करोड़ रुपये रह गए, यानी 31 मार्च 2023 को सर्कुलेशन में सिर्फ 10.8 फीसदी नोट थे।
दास ने कहा, जिनके पास 2000 रुपये के नोट हैं उन्हें वापसी के लिए आखिरी दिन का इंतजार नहीं करना चाहिए। मैं हर किसी से अपील करता हूं कि घबराहट में बैंक न जाएं। एक और निवेदन यह है कि सामान्य तौर पर हम आखिरी समय में काम को अंजाम देते हैं, ऐसे में सितंबर के आखिरी 10-15 दिनों की भीड़भाड़ से बचने की कोशिश होनी चाहिए।