90 hours work debate: L&T के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यम (SN Subrahmanyan) का 90 घंटे काम करने का सुझाव, और उस पर उनका “पत्नी को कितनी देर तक देख सकते हैं” वाला बयान, सोशल मीडिया पर एक नया ट्रेंड बन गया है। उनके इस बयान ने वर्क-लाइफ बैलेंस की बहस को तो हवा दी ही, साथ ही मीमबाजों को भी फुल ऑन कंटेंट दे दिया। सिंगल लोगों के सवालों ने इसमें और मसाला डाल दिया-“हम तो घर पर किसी को देख ही नहीं सकते!” इस पर जोमैटो (Zomato) ने अपने ट्रेडमार्क मजाकिया अंदाज में तंज कसते हुए सिंगल्स को दिलासा दिया और ऑप्शन सुझाया-“पत्नी नहीं है? कोई बात नहीं, ऐप पर अपने ऑर्डर को ट्रैक करते हुए स्क्रीन निहारें!”
कर्मचारियों से बातचीत के दौरान एसएन सुब्रमण्यम का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने सप्ताह में 90 घंटे काम करने और रविवार को भी ऑफिस आने की वकालत की। उन्होंने कहा, “अगर मैं आपको रविवार को काम करने के लिए प्रेरित कर सकूं, तो मुझे खुशी होगी, क्योंकि मैं खुद रविवार को भी काम करता हूं।”
सुब्रमण्यम ने यह भी कहा, “आप घर पर क्या करते हैं? आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक देख सकते हैं, और पत्नी अपने पति को कितनी देर तक देख सकती है? इसलिए, ऑफिस आइए और काम कीजिए।”
उन्होंने यह तर्क भी दिया कि चीन जल्द ही अमेरिका को पीछे छोड़ सकता है, क्योंकि चीनी कर्मचारी 90 घंटे काम करते हैं, जबकि अमेरिकी केवल 50 घंटे।
सुब्रमण्यम का ’90 घंटे काम’ का सुझाव इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के ’70 घंटे काम’ के सुझाव से भी एक कदम आगे है। नारायण मूर्ति ने पहले कहा था कि “हमें कड़ी मेहनत करनी चाहिए और भारत को नंबर एक बनाने की दिशा में काम करना चाहिए।”
मूर्ति ने यह भी कहा था कि 1986 में भारत का छह दिन से पांच दिन के वर्क वीक में बदलाव उन्हें निराशाजनक लगा।
बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा ने L&T के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यम के 90 घंटे काम करने के बयान पर टिपप्णी में कहा, “मेरी पत्नी अद्भुत हैं। मुझे उन्हें देखना बहुत पसंद है।” महिंद्रा ने इस बात पर भी जोर दिया कि गुणवत्ता (quality) को मात्रा (quantity) से ऊपर रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया को 10 घंटे में भी बदला जा सकता है।
उन्होंने इस बात की भी वकालत की कि “होलीस्टिक थिंकिंग” को अपनाने वाले दिमाग की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि इंजीनियरों और एमबीए जैसे विभिन्न पृष्ठभूमियों से आने वाले लोगों को बेहतर निर्णय लेने में सक्षम होने के लिए कला और संस्कृति का अध्ययन करना चाहिए।
उन्होंने पूछा, “अगर आप घर पर समय नहीं बिता रहे हैं, दोस्तों के साथ समय नहीं बिता रहे हैं, पढ़ाई नहीं कर रहे हैं, या आत्मनिरीक्षण के लिए समय नहीं निकाल रहे हैं, तो आप निर्णय लेने के लिए सही दृष्टिकोण कैसे ला पाएंगे?”