स्पाइसजेट की विमान पट्टादाता में से एक विलमिंगटन ट्रस्ट (Wilmington Trust) ने विमानन कंपनी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने के लिए NCLT में मामला दर्ज कराया है। यह मामला बकाए का भुगतान न करने से जुड़ा है। इस मामले की पहली सुनवाई सोमवार को होगी।
विलमिंगटन ट्रस्ट, एयरकैसल (Aircastle) की सहायक है, जिसने पिछले महीने ऐसा ही मामला NCLT में दर्ज कराया है। इस मामले की सुनवाई के दौरान स्पाइसजेट ने कहा था कि एयरकैसल की याचिका में खामियां हैं, लिहाजा इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
इसके परिणामस्वरूप NCLT ने 6 जून को एयरकैसल से कहा कि वह दो हफ्ते के भीतर इस पर जवाब दे।
रविवार को स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि विलमिंगटन ट्रस्ट की मूल कंपनी एयरकैसल है। एयरकैसल की तरफ से पट्टे पर दिए गए चार विमानों के लिए अलग-अलग इकाई है। ऐसा ही एक विमान विलमिंगटन ट्रस्ट का है, जो एयरकैसल की सहायक है।
पिछले कुछ महीने से नकदी संकट का सामना कर रही स्पाइसजेट के बेड़े में एक जून को 64 विमान थे और यह जानकारी एविएशन एनालिटिक्स फर्म सिरिकम (Cirium) के आंकड़ों से मिली। इनमें से 30 विमान अभी खड़े हैं।
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दोनों ही मामले दिवालिया संहिता 2016 की धारा 9 के तहत दर्ज कराए गए हैं, जिसमें कर्जदार से भुगतान न हासिल करने वाले परिचालक लेनदार को NCLT में कॉरपोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया शुरू करने के लिए याचिका देने की इजाजत मिलती है।
भारतीय विमानन क्षेत्र अभी संकट से गुजर रहा है। गो फर्स्ट ने पिछले महीने दिवालिया आवेदन जमा कराया और 3 मई से विमानों का परिचालन बंद कर दिया। गो फर्स्ट ने नकदी संकट के लिए प्रैट ऐंड व्हिटनी (Pratt and Whitney) को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इंजन आपूर्ति में देरी के कारण उसके आधे विमान खड़े हैं।