वैश्विक प्रतिकूल हालात, दर वृद्धि, रुपये के मूल्य में गिरावट और मंदी की अन्य गतिविधियों के बावजूद रियल एस्टेट क्षेत्र इस त्योहारी सीजन में वृद्धि की अपनी रफ्तार बनाए रखेगा। हीरानंदानी समूह के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक निरंजन हीरानंदानी ने प्रतिज्ञा यादव के साथ एक साक्षात्कार में इस विषय में बात की। संपादित अंश:
अर्थशास्त्रियों ने वैश्विक मंदी का पूर्वानुमान जताया है। क्या इससे भारत में रियल एस्टेट बाजार पर असर पड़ेगा?
रूस-यूक्रेन युद्ध तथा यूरोप और अमेरिका में मंदी की अन्य प्रवृत्तियों का निश्चित रूप से भारत पर असर हुआ है। हम पर असर तो पड़ा है, लेकिन इस हद तक नहीं कि हमें चिंतित होना पड़े। मंदी की ऐसी गतिविधियों के बावजूद हम अब भी सात फीसदी इजाफे की बात कर रहे हैं। हालांकि इस मंदी के बावजूद हमने दो अंकों में वृद्धि का लक्ष्य निर्धारित किया था, लेकिन हमारा लक्ष्य अब भी सात प्रतिशत है। सरकार की योजनाओं और नीतियों ने भी रियल एस्टेट बाजार में संतुलन बनाए रखने में मदद की है।
हाल ही में आरबीआई ने रीपो दर में 50 आधार अंक तक का इजाफा किया है। छह महीने में लगातार चौथी बार ऐसा हुआ है। आवास क्षेत्र पर इसके असर के संबंध में उद्योग के विशेषज्ञों अलग-अलग राय है। आपका आकलन किया है?
कोई नया सौदा करने के लिहाज से सीमांत दरें निश्चित रूप से उपभोक्ता के निर्णय को प्रभावित करेंगी, लेकिन वास्तव में उनका ज्यादा असर नहीं पड़ता है क्योंकि बैंक/वित्तीय संस्थान स्टेप-अप ईएमआई लाए हैं। ऐसा दुनिया में कहीं नहीं होता है। जब ब्याज दरें दोबारा गिरेंगी, तो ईएमआई में कमी आएगी।
वैश्विक महामारी से पहले और बाद में आप रियल एस्टेट की वृद्धि को किस नजरिये से देखते हैं?
कोविड -19 महामारी का शुरुआती हिस्सा हमारे लिए एक झटका था, लेकिन बाद में इस क्षेत्र की वृद्धि में इजाफा हुआ और कोविड -19 महामारी की दूसरी तिमाही में वास्तव में ही लोगों द्वारा अपने घरों में सुधार करने या बड़े घर खरीदने के लिए भीड़ नजर आई। उद्योग की रिपोर्टों के अनुसार महामारी के बाद बड़े आकार के फ्लैटों की मांग अचानक बढ़ गई है।
पिछले साल आवास क्षेत्र की मांग में कितने प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है?
उद्योग की रिपोर्टों के मुताबिक रियल एस्टेट क्षेत्र में मांग पिछले साल 15 से 20 फीसदी तक बढ़ी है। मांग कोविड से पहले के स्तरों को भी पार कर चुकी है।
पर्यावरण, सामाजिक और कॉरपोरेट प्रशासन (ईएसजी) अनुपालन के लिए डेवलपर किस तरह की पहल कर रहे हैं?
मुझे लगता है कुल मिलाकर हरित न्यायाधिकरण, सरकार और अदालतें ईएसजी अनुपालन के लिए कदम उठा रही हैं। यहां तक कि कंपनियां, कॉरपोरेट, बैंक और वित्तीय संस्थान भी इस बात से अवगत हैं। डेवलपर पहले से ही आवासीय और वाणिज्यिक दोनों ही परियोजनाओं के लिए हरित प्रमाणन का विकल्प चुन रहे हैं।
वर्तमान में हीरानंदानी समूह कितनी परियोजनाएं चला रहा है?
वर्तमान में पवई, ठाणे, नवी मुंबई, पनवेल, चेन्नई और खंडाला में हमारी पांच से अधिक टाउनशिप परियोजनाएं चल
रही हैं।
हीरानंदानी समूह की विस्तार योजना क्या है?
हम लगातार विस्तार कर रहे हैं। इसलिए, हां इसमें इजाफा है। हमारी चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर 10 से 15 फीसदी है।
सभी खंडों के लिहाज से रियल एस्टेट क्षेत्र में कीमतों का क्या रुख है?
महामारी के समय में दामों में इजाफा नहीं हुआ, लेकिन अब दाम औसतन तकरीबन 10 से 14 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। लक्जरी खंड में ज्यादा इजाफा है।
त्योहारी सीजन शुरू हो चुका है। किस खंड में सबसे ज्यादा मांग नजर आई है?
हमारे पोर्टफोलियो का सबसे बड़ा हिस्सा आवासीय क्षेत्र है, जो हमारे रियल एस्टेट कारोबार का तकरीबन 70 प्रतिशत भाग है। वाणिज्यिक और अन्य खंड भी काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। तो, एक प्रतिशत अंतर आ सकता है।