सरकारी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने अपने 2.38 लाख गैर-कार्यकारी कर्मचारियों के साथ वेतन संशोधन समझौता किया है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ने सोमवार को शेयर बाजार को बताया कि इस समझौते के तहत एक जुलाई 2021 से परिलब्धियों (मूल, वैरिएबल महंगाई भत्ता, विशेष कार्य भत्ता और उपस्थिति बोनस) पर 19 प्रतिशत न्यूनतम गारंटी लाभ और भत्ते में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
कंपनी ने कहा, ‘कोयला उद्योग के लिए संयुक्त समिति (जेबीसीसीआई)-11 ने पांच वर्षों के लिए राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता को मंजूरी दी। समिति में सीआईएल प्रबंधन, सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल), 5 केंद्रीय मजदूर संगठनों (बीएमएस, एचएमएस, एआईटीयूसी, सीटू और इंडियन नैशनल माइन वर्कर्स फेडरेशन (आईएनएमएफ) के प्रतिनिधि शामिल हैं।’
वेतन समझौता एक जुलाई 2021 से प्रभावी माना जाएगा। इस समझौते से सीआईएल और एससीसीएल के पेरोल पर काम कर रहे लगभग 2.81 लाख कर्मचारियों को 1 जुलाई 2021 से यह लाभ मिल सकेगा और वे इस समझौते को लागू किए जाने के लाभार्थी होंगे।
इसके अलावा सीआईएल ने 21 महीने के लिए 9,252.24 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, जो 1 जुलाई, 2021 से 31 मार्च 2023 तक के लिए प्रभावी होगा। भत्ते में 25 प्रतिशत बढ़ोतरी के कारण कंपनी पर पड़ने वाले असर के बारे में जल्द ही जानकारी दी जाएगी, हालांकि यह बहुत उल्लेखनीय होने की संभावना नहीं है।
गैर कार्यकारी कर्मचारियों की संख्या कोल इंडिया के कुल कार्यबल का 94 प्रतिशत है, जिनके वेतन में हर 5 साल पर बदलाव किया जाता है। सोमवार को बीएसई में कोल इंडिया के शेयर 0.60 प्रतिशत गिरकर 238.35 रुपये पर बंद हुए।