कंपनियां

Indus Towers से पूरी तरह बाहर हुई Vodafone, 890 करोड़ रुपये का बकाया उधार चुकाने की योजना

पिछले साल जून में वोडाफोन ने ब्लॉक डील में इंडस टावर्स में 48.47 करोड़ शेयर या 18 प्रतिशत की बड़ी हिस्सेदारी बेची और 15,300 करोड़ रुपये जुटाए थे।

Published by
शुभायन चक्रवर्ती   
Last Updated- January 10, 2025 | 10:49 PM IST

ब्रिटेन की दूरसंचार दिग्गज वोडाफोन पीएलसी ने मोबाइल टावर इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी इंडस टावर्स से बाहर होने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। उसने कंपनी में अपनी शेष 3 फीसदी हिस्सेदारी भी 2,800 करोड़ रुपये में बेच दी है। वोडाफोन ने लंदन स्टॉक एक्सचेंज को बताया कि ‘एक्सलरेटेड बुकबिल्ड ऑफरिंग’ के जरिये वोडाफोन पीएलसी ने इंडस टावर्स में शेष 7.92 करोड़ शेयर बेचे।

कंपनी पिछले कुछ समय से इंडस टावर्स में अपनी हिस्सेदारी कम कर रही थी। पिछले साल जून में वोडाफोन ने ब्लॉक डील में इंडस टावर्स में 48.47 करोड़ शेयर या 18 प्रतिशत की बड़ी हिस्सेदारी बेची और 15,300 करोड़ रुपये जुटाए थे। नए सौदे से वोडाफोन को मौजूदा ऋणदाताओं को 890 करोड़ रुपये का बकाया उधार चुकाने की सुविधा मिल गई।

पूर्ववर्ती भारती इन्फ्राटेल और इंडस टावर्स के विलय के दौरान जिस सुरक्षा पैकेज पर सहमति बनी थी, उसके अनुसार इंडस टावर्स में वोडाफोन पीएलसी की 21 प्रतिशत हिस्सेदारी 1.4 अरब डॉलर के ऋण के संबंध में मुख्य रेहन से जुड़ी थी। उसने ऋणदाताओं से 2019 में आइडिया के राइट्स इश्यू में भागीदारी के लिए यह राशि ली थी।

अब, सिक्योरिटी अरेंजमेंट्स के तहत इंडस के प्रति वोडाफोन की देनदारी पूरी तरह खत्म हो गई है। शुक्रवार को दिन के कारोबार में इंडस टावर्स का शेयर 3.22 प्रतिशत गिरकर 320.15 रुपये पर आ गया। वोडाफोन पीएलसी नए लेनदेन से बची हुई राशि या 1,910 करोड़ रुपये का उपयोग दूरसंचार ऑपरेटर वोडाफोन आइडिया (वी) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए करेगी।

First Published : January 10, 2025 | 10:49 PM IST