अदाणी समूह के विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह पर 2028 तक कुल 20,000 करोड़ रुपये के निवेश की तैयारी हो गई है। अदाणी पोर्ट्स ऐंड एसईजेड (एपीएसईजेड) के प्रबंध निदेशक करण अदाणी ने परीक्षण के तौर पर इस बंदरगाह की शुरुआत के अवसर पर आज अपने संबोधन में कहा कि इस बंदरगाह के शेष चरण के लिए कार्य इसी साल अक्टूबर में शुरू होने की उम्मीद है।
यह भारत का पहला ट्रांसशिपमेंट केंद्र और गहरे समुद्र में पहला कंटेनर टर्मिनल है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, इस परियोजना में एपीएसईजेड 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी मेयर्स्क के जहाज एमवी सैन फर्नांडो के इस बंदरगाह पर पहुंचने के बाद आज इस बंदरगाह का औपचारिक तौर पर परिचालन शुरू हो गया।
केरल सरकार के अनुसार, इस परियोजना का पहला चरण दिसंबर 2024 में चालू होना था, मगर अब वह कुछ महीने पहले सितंबर में ही चालू हो जाएगा। इस परियोजना के दूसरे से लेकर चौथे चरण के दिसंबर, 2028 तक पूरा होने की उम्मीद है। अदाणी ने कहा, ‘परियोजना के चारों चरण वर्ष 2028-29 तक पूरे हो जाएंगे। तब तक केरल सरकार और अदाणी समूह विझिंजम बंदरगाह में कुल 20,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। यह परियोजना सार्वजनिक-निजी भागीदारी का शानदार उदाहरण है।’
अदाणी ने बताया, ‘इस परियोजना के मास्टर प्लान के लिए जन सुनवाई पूरी हो चुकी है। मैं विझिंजम के लोगों के जबरदस्त समर्थन से अभिभूत हूं। मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि पर्यावरण एवं अन्य नियामकीय मंजूरियां मिलते ही अदाणी समूह इस बंदरगाह के अन्य चरणों के कार्य तत्काल शुरू करेगा। यह इस साल अक्टूबर में ही शुरू हो सकता है।’ अदाणी समूह ने संकेत दिया कि पहले चरण के कार्य दिसंबर से काफी पहले पूरे हो जाएंगे।
अदाणी ने कहा, ‘हमारे पास अभी घाट की लंबाई 600 मीटर है। हम कार्गो के 7,500 कंटेनर के लिए स्थान बना रहे हैं। हमें पहले चरण में सालाना 10 लाख टीईयू संभालने की उम्मीद है। हमें पूरा भरोसा है कि हम 15 लाख टीईयू संभाल लेंगे जो 50 फीसदी अधिक क्षमता होगी।’ टीईयू कंटेनर होता है जो 20 फुट लंबा, 8 फुट चौड़ा और 8 फुट ऊंचा होता है।
इस परियोजना के पहले चरण में कुल निवेश 8,867 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। इसमें राज्स सरकार 5,596 करोड़ रुपये का योगदान करेगी जबकि अदाणी समूह 2,454 करोड़ रुपये निवेश करेगा। केंद्र सरकार ने 800 करोड़ रुपये का व्यवहार्यता अंतर निवेश किया।
उन्होंने बताया, ‘भारत के किसी भी बंदरगाह- अत्याधुनिक मुंद्रा बंदरगाह सहित- में ऐसी प्रौद्योगिकी नहीं है। हमने दक्षिण एशिया में कंटेनर संभालने की अत्याधुनिक तकनीक को अपनाया है। स्वचालन एवं वेसल ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली पूरी होने के बाद विझिंजम अपने आप में अलग होगा। यह दुनिया के अत्याधुनिक तकनीक से लैस एक ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह होगा।’
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा, ‘यह केरल के विकास की एक नई कड़ी है। दुनिया भर में ऐसे गिने-चुने बंदरगाह हैं। यहां बड़ी संख्या मदरशिप आने वाली हैं। इसे प्रायोगिक तौर पर शुरू किया गया है, लेकिन अब संचालन शुरू हो गया है। यह पहला चरण है। शुरुआती योजना के अनुसार, अन्य चरण 2045 तक पूरा होने की उम्मीद थी लेकिन अब यह 2028 तक पूरे किए जाएंगे। इस संबंध में समझौते पर हस्ताक्षर होने वाले हैं।’
विजयन ने कहा कि यह बंदरगाह अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लेन से केवल 11 नॉटिकल मील दूर है। प्राकृतिक रूप से इसकी गहराई 20 मीटर है।’ इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और करीब 5,000 नौकरियां सृजित होंगी।