Vizhinjam port: भारत के पहले ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह व गहरे पानी के कंटेनर टर्मिनल विझिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह ने गुरुवार को प्रायोगिक परीक्षण के तहत पहले मदरशिप की अगवानी कर इतिहास रचा। उम्मीद है कि अदाणी समूह का यह बंदरगाह इस साल सितंबर में ओणम के आसपास व्यावसायिक रूप से चालू हो जाएगा।
जहाज एमवी सैन फर्नांडो के गुरुवार को इस बंदरगाह पहुंचने पर करीब हजार लोग उपस्थित थे और इस अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। टनबोट के जरिए इस जहाज को पानी की सलामी दी गई। मेयर्स्क द्वारा तैयार एमवी सैन फर्नांडो बंदरगाह के बाहरी लंगर के क्षेत्र में सुबह करीब 7 बजे पहुंचा था और सुबह 9.30 बजे उसे बर्थ पर लिया गया था। इसके साथ ही ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह का संचालन शुरू हो गया।
विझिंजम बंदरगाह की प्रबंध निदेशक दिव्या एस अय्यर ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘अब हम संचालन शुरू कर रहे हैं। हमने इसे प्रायोगिक आधार पर शुरू किया है क्योंकि हम गलती की सभी आशंकाओं का निराकरण करना चाहते हैं। यह भारत का पहला ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह और पहला गहरे पानी का कंटेनर टर्मिनल है। इसका पहला चरण लगभग पूरा होने के करीब है। आधारभूत ढांचे से जुड़े सभी कार्य पूरे हो चुके हैं।’
बंदरगाह पर पहुंचने वाला मदरशिप करीब 300 मीटर लंबा, 48 मीटर चौड़ा है और यह करीब 2,000 कंटेनर ढो सकता है। अय्यर ने बताया, ‘यह भारत का पहला सेमी ऑटोमेटिड कंटेनर बंदरगाह है। हम डेढ़ से दो महीने अलग-अलग स्थितियों में पोत की निगरानी, प्रबंधन प्रणाली और क्रेन के नियंत्रण पर कार्य करने का प्रयास करेंगे। हम सितंबर में वास्तविक संचालन शुरू करने की योजना बना रहे हैं।’
उन्होंने बताया, ‘इससे काफी राजस्व देश में आएगा। इसका स्थान बहुत रणनीतिक है। विदेशी कंपनियों में काफी उत्साह है।’