वीडियोकॉन समूह ने पश्चिम बंगाल में अपने इस्पात संयंत्र की क्षमता को दोगुना कर 60 लाख टन किए जाने की योजना बनाई है।
वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत ने कहा कि कंपनी ने पश्चिम बंगाल सरकार को एक संशोधित प्रस्ताव भेजा है और राज्य सरकार ने ढांचागत समर्थन मुहैया कराने का आश्वासन दिया है।
धूत एमजंक्शन एज और भारत चैम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक इस्पात संगोष्ठी में यहां बोल रहे थे।
इस बढ़ी हुई क्षमता के साथ परियोजना में निवेश को 15,000 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 21,000 करोड़ रुपये किया जाएगा। कैप्टिव विद्युत संयंत्र की क्षमता 12,000 मेगावाट से बढ़ कर 16,000 करोड़ टन हो जाएगी।
परियोजना 30-30 लाख टन वाले दो चरणों में पूरी की जाएगी। धूत ने कहा कि पहला चरण चार वर्षों में पूरा हो जाएगा और दूसरे चरण को तीन वर्षों की अवधि में पूरा कर लिया जाएगा।
वैसे, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इसके लिए 4,000 एकड़ भूमि की जरूरत होगी।
आसनसोल जिले में भूमि के लिए प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। राज्य सरकार ने परियोजना के लिए कोयला मुहैया कराने का आश्वासन दिया है।
धूत ने कहा, ”इस परियोजना के लिए समर्थन के संबंध में हम केंद्र सरकार और राज्य सरकार को पहले ही लिख चुके हैं।”परियोजना के लिए लौह अयस्क का करार किया जा चुका है।
वीडियोकॉन ने इंडोनेशिया की एक लौह अयस्क कंपनी के साथ एक समझौता किया है।
धूत ने कहा कि इस्पात का अभाव है। उन्होंने यह भी कहा कि बंगाल में प्रस्तावित गहरे समुद्री बंदरगाह की परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है।