उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक सामग्री बनाने वाली कंपनी वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज दूरसंचार में भी अपने पंख लगातार पसार रही है।
देश में जीएसएम क्षेत्र में दौड़ शुरू करने जा रही कंपनी डैटाकॉम सॉल्युशंस दक्षिण अफ्रीका के नामी एमटीएन समूह के साथ हाथ मिलाने जा रही है।वीडियोकॉन डैटाकॉम की प्रमोटर है।
सूत्रों के मुताबिक प्रौद्योगिकी और निवेश के लिए किसी साझेदार की तलाश कर रही डैटाकॉम ने एमटीएन को चुन लिया है और उसके साथ बातचीत अंतिम चरण में पहुंच चुकी है।अगर सही तरीके से बात होती है, तो दोनों पक्ष जल्द ही करार कर सकते हैं। लेकिन अभी यह पता नहीं चल सका है कि करार से बनने वाले साझा उपक्रम में अफ्रीकी कंपनी को कितनी हिस्सेदारी दी जाएगी।
इस बारे में संपर्क करने पर वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक वेणुगोपाल धूत ने कहा कि कई कंपनियों से बातचीत की जा रही है।लेकिन उन्होंने किसी भी तरह का ब्योरा देने से इनकार कर दिया क्योंकि विदेशी कंपनियों के साथ इसी शर्त पर डैटाकॉम बात कर रही है। एमटीएन के प्रवक्ता ने भी इस बारे में ईमेल का र्कोई जवाब नहीं दिया।
डैटाकॉम उन 8 कंपनियों में शामिल है, जिन्हें देश भर में जीएसएम मोबाइल सेवा का परिचालन करने के लिए लाइसेंस दिया गया है। दूसरी कंपनियां श्याम सिस्तेमा, एस टेल, लूप टेलीकॉम और यूनिटेक समूह वगैरह हैं।
देश में दूरसंचार के बाजार में अभी काफी गुंजाइश है।यहां बुनियादी ढांचा खड़ा करने में ही कंपनियों को काफी निवेश की जरूरत होगी। इसी कारणर् कई विदेशी दूरसंचार कंपनियां और प्राइवेट इक्विटी फंड इन कंपनियों को लुभाने में लगे हुए हैं। विदेशी कंपनियों में एटीऐंडटी, संयुक्त अरब अमीरात की नेशनल टेलीकॉम कंपनी और रूस का अल्फा समूह प्रमुख हैं। सरकार दूरसंचार क्षेत्र में 74 फीसद तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की इजाजत दे चुकी है।
एमटीएन समूह का अफ्रीका और पश्चिम एशिया के 21 से भी ज्यादा देशों में कारोबार है। इनमें कैमरून, कांगो, साइप्रस, घाना और अफगानिस्तान भी शामिल हैं। दिसंबर 2006 के अंत में कंपनी के 4 करोड़ ग्राहक थे।
डैटाकॉम ने भारत में जीएसएम सेवाओं के लिए 6,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है। कंपनी को फिलहाल तमिलनाडु सर्किल में जीएसएम सेवाओं का लाइसेंस मिला है। लेकिन उसके पास यूनिवर्सल एक्सेस लाइसेंस है, जो पूरे देश में मान्य है।