भारतीय कंपनी वेदांत की मूल कंपनी ब्रिटेन की वेदांत रिसोर्सेस ने अपने डॉलर बॉन्ड के दो नियोजन के लिए 80 करोड़ डॉलर की बोली स्वीकार की है। ये बॉन्ड साल 2028 में चुकाने के लिए तय कर्ज के भुगतान के लिए है। दो बैंकरों ने यह जानकारी दी। तेल और गैस से लेकर खनन और धातु तक में दिलचस्पी रखने वाली वेदांत ने इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं की।
डॉलर बॉन्ड निर्गम पर बारीकी से नजर रखी जा रही थी क्योंकि अदाणी समूह के शीर्ष अधिकारियों को अमेरिकी अभियोजकों द्वारा धोखाधड़ी और रिश्वतखोरी के आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद यह किसी भारतीय कंपनी का डॉलर बॉन्ड जुटाने का पहला निर्गम था।
एक बैंकर ने कहा कि इस बॉन्ड इश्यू की सफलता महत्वपूर्ण थी क्योंकि भारतीय ऋण बाजार इस बात पर नजर रख रहा था कि अदाणी संकट से कोई असर तो नहीं पड़ेगा। गौतम अदाणी की अगुआई में अदाणी समूह ने कहा है कि अमेरिकी अधिकारियों के आरोप निराधार हैं।
बैंकरों ने कहा कि कंपनी तीन साल और छह महीने के बॉन्ड पर 10.25 फीसदी और सात साल के बॉन्ड पर 11.25 फीसदी की दर से ब्याज देगी। जबकि ब्याज को लेकर शुरुआती संकेत क्रमशः 10.375 फीसदी और 11.375 फीसदी रहा था। नोट्स में कॉल विकल्प भी हैं।
सितंबर में वेदांत रिसोर्सेस ने दो साल से ज्यादा के बाद पहले डॉलर बॉन्ड इश्यू से 10.875 फीसदी ब्याज की दर पर 90 करोड़ डॉलर जुटाए थे। सिटीग्रुप, बार्कलेज, डॉयचे बैंक, जेपी मॉर्गन और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक वेदांत के डॉलर बॉन्ड के लिए संयुक्त रूप से वैश्विक संयोजक और लीड मैनेजर थे।