सरकारी स्वामित्व वाली भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने अदाणी समूह (Adani Group) के शेयरों में अपने निवेश से काफी लाभ कमाया है। इसमें पिछले एक साल के दौरान खासा सुधार देखा गया है।
अदाणी समूह (Adani group) की कंपनियों में एलआईसी (LIC) की हिस्सेदारी का मूल्य 51.6 प्रतिशत तक यानी 22,591 करोड़ रुपये बढ़कर शुक्रवार को शेयर बाजार बंद होने तक 66,388 करोड़ रुपये हो गया। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल 31 मई को यह 43,797 करोड़ रुपये था।
बीमा कंपनी ने शेयर कीमतों में वृद्धि का लाभ उठाने के लिए अदाणी समूह की कुछ कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी को रणनीतिक रूप से कम किया है। एलआईसी ने पिछले साल समूह की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज में अपनी हिस्सेदारी 4.26 प्रतिशत से घटाकर 3.93 प्रतिशत कर दी।
शेयर बाजार को दिए गए आंकड़ों के अनुसार उसने अदाणी पोर्ट्स में अपनी हिस्सेदारी 9.12 प्रतिशत से घटाकर 7.86 प्रतिशत और अंबुजा सीमेंट्स में 6.3 प्रतिशत से घटाकर 5.69 प्रतिशत कर ली। हिस्सेदारी में इस कमी के बावजूद अदाणी समूह में एलआईसी के निवेश का मूल्य बढ़ा है।
शुक्रवार को अहमदाबाद स्थित समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों ने बाजार पूंजीकरण में 84,000 करोड़ रुपये जोड़े, जिससे कुल बाजार पूंजीकरण बढ़कर 17.9 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह 24 जनवरी, 2023 के बाद से सबसे अधिक है जिस दिन अमेरिका की शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने समूह के संबंध में गंभीर रिपोर्ट जारी की थी। यह अदाणी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये की फॉलो-ऑन सार्वजनिक पेशकश से ठीक पहले आई थी।
समूह ने इन आरोपों का खंडन किया और जीक्यूजी कैपिटल, कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी और अबू धाबी की आईएचसी सहित कई विदेशी निवेशकों को शेयर बेचे। जीक्यूजी, आईएचसी और कतर इन्वेस्टमेंट के स्वामित्व वाले शेयरों का मूल्य एक साल में दोगुना हो गया है।
अदाणी समूह की कंपनियों में घरेलू संस्थागत निवेशकों की हिस्सेदारी का मूल्य भी खासा बढ़ा है। यह पिछले साल मई के 20,688 करोड़ रुपये से बढ़कर शुक्रवार को 47,792 करोड़ रुपये हो गया जो सालाना आधार पर 131 प्रतिशत का इजाफा है।
अमेरिका के निवेश बैंक और वित्तीय सेवा फर्म जेफरीज की रिपोर्ट के अनुसार शॉर्ट-सेलर की रिपोर्ट से झटका लगने के बावजूद अदाणी समूह मजबूत बना हुआ है, जो इस ‘झटके के बाद फिर से मजबूत’ हो गया है। वित्त वर्ष 24 के दौरान समूह ने ऋण कम करने और संस्थापकों के गिरवी शेयरों में कमी पर ध्यान केंद्रित किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि समूह ने कई कंपनियों में इक्विटी और रणनीतिक निवेशकों से नए फंड जुटाए हैं।