स्टार इन्वेस्टर राजीव जैन की कंपनी GQG Partners LLC के छह फंड का भारतीय पोर्टफोलियो में वेल्यू एक साल से भी कम समय में दोगुना से ज्यादा हो गया है। इसका क्रेडिट उनके स्टॉक चयन को जाता है, जो अदाणी ग्रुप (Adani Group) में निवेश की खबरों से अक्सर छिप जाता है।
ब्लूमबर्ग द्वारा अमेरिका स्थित निवेशक फर्म की वेबसाइट पर ताजा रेगुलेटरी फाइलिंग और जानकारी से जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार, GQG के छह फंडों में भारत के निवेश का वेल्यू एक साल पहले 4.4 बिलियन डॉलर की तुलना में बढ़कर 9.9 बिलियन डॉलर हो गया है।
इंफ्रास्ट्रक्चर, कंज्यूम गुड्स और एनर्जी जैसे क्षेत्रों के स्टॉक को पोर्टफोलियो में जोड़ा
GQG ने भारत के इक्विटी बाजार में इंफ्रास्ट्रक्चर, कंज्यूम गुड्स और एनर्जी जैसे क्षेत्रों के स्टॉक को अपने पोर्टफोलियो में जोड़ा। बता दें कि भारतीय शेयर बाजार का मार्केट वेल्यू पिछले सप्ताह 4 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर गया है, जो देसी स्टॉक मार्केट को उभरते हुए बाजारों में मजबूत स्थिति में पहुंचाता है।
भारत को चीन के विकल्प के रूप देखें जाने के बाद वैश्विक निवेशकों से बहुत निवेश मिल रहा है। यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के राष्ट्र-निर्माण अभियान ने सड़कों, हवाई अड्डों, पुलों और बिजली सुविधाओं के निर्माण के लिए देशभर में अरबों डॉलर का निवेश किया है।
ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसकी केलकुलेशन शेयरों के लास्ट प्राइज और जीक्यूजी की भारतीय शेयरों में ताजा शेयरधारिता पर निर्भर है। इसमें अमेरिकी निवेश फर्म के पूरे भारत के एक्सपोजर को शामिल नहीं किया जा सका क्योंकि इसके पास अन्य फंड हैं जिनके पोर्टफोलियो की जानकारी उपलब्ध नहीं हैं।
जीक्यूजी का अदानी ग्रुप में निवेश का वेल्युएशन 7 बिलियन डॉलर
जीक्यूजी का अदानी ग्रुप में निवेश का वेल्युएशन 7 बिलियन डॉलर हो गया है। बता दें कि इस साल जनवरी में अंत में शॉर्टसेलर फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अदाणी ग्रुप के शेयरों में बड़ी गिरावट आई थी। शेयरों में बड़ी गिरावट के कुछ हफ्तों बाद ही जैन ने ग्रुप के शेयरों में पैसा लगाकर सभी को हैरान कर दिया था।
फर्म के सबसे बड़े फंड जीक्यूजी पार्टनर्स इमर्जिंग मार्केट्स इक्विटी फंड ने इस साल अप्रैल और सितंबर के बीच पहली बार जेएसडब्ल्यू एनर्जी लिमिटेड, पतंजलि फूड्स लिमिटेड, मैक्रोटेक डेवलपर्स लिमिटेड, मैक्स हेल्थकेयर इंस्टीट्यूट लिमिटेड और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक लिमिटेड के शेयरों को खरीदा था।
रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार, जीक्यूजी पार्टनर्स इमर्जिंग मार्केट्स ने आईटीसी लिमिटेड पर सबसे बड़ा दांव लगाया था और अन्य शेयरों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया लिमिटेड को शामिल किया था।
फंड ने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, इंफोसिस लिमिटेड, सिप्ला लिमिटेड और बजाज फिनसर्व लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी भी निकाली है। इन सभी ने 2023 में सेंसेक्स के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया है।
अदाणी ग्रुप के शेयरों में निवेश भी किया दोगुना
जैन की जीक्यूजी पार्टनर्स ने एक साल से भी कम समय में अदाणी ग्रुप के शेयरों में अपना निवेश लगभग दोगुना कर लिया। प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के अनुसार, अदाणी ग्रुप की कंपनियों में जीक्यूजी का पोर्टफोलियो वेल्यू बढ़कर 39,331 करोड़ रुपये हो गया।
इसकी केल्क्युलेशन आकलन 6 दिसंबर को बंद शेयर कीमतों से की गई है। यह अदाणी ग्रुप की अलग-अलग कंपनियों में जीक्यूजी पार्टनर्स की तरफ से किए गए 21,660 करोड़ रुपये के निवेश पर 82 प्रतिशत का कुल रिटर्न है। जैन के नेतृत्व वाली फर्म मार्च 2023 से शुरू होने वाले वर्ष के दौरान तीन बार अदाणी ग्रुप में निवेश किया है।
कौन हैं राजीव जैन ?
जैन का जन्म भारत में हुआ था लेकिन 1990 में MBA के लिए वह अमेरिका चले गए। उन्होंने 2016 में जीक्यूजी पार्टनर्स की सह-स्थापना की और तब से इसे 113 बिलियन डॉलर का पावरहाउस बना दिया है।
अपने कई साथियों से अलग जैन का सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कोई अकॉउंट नहीं है। वह टीवी पर भी कम ही दिखाई देते हैं और ड्राइवरलेस-कार कंपनियों या हाइपरसोनिक-मिसाइल निर्माताओं के प्रति उनका रुझान बहुत कम है।
इसके बजाय, वह निश्चित रूप से 20वीं सदी वाले उद्योगों में पैसा लगाते है जिसमें एनर्जी, तंबाकू और बैंकिंग शामिल है। GQG का भारतीय स्टॉक पोर्टफोलियो भी इसे दर्शाता है।