अल्ट्राटेक सीमेंट की तरफ से तमिलनाडु की इंडिया सीमेंट्स की 23 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण भारतीय सीमेंट बाजार में बढ़ते एकीकरण का एक और उदाहरण है। यह सौदा देसी बाजार में अल्ट्राटेक सीमेंट की हिस्सेदारी 2.3 फीसदी बढ़ा देगा, जो वित्त वर्ष 24 के इंडिया सीमेंट के राजस्व पर आधारित है और ऐसा तब होगा जब यह सौदा औपचारिक तौर पर पूरा हो जाएगा। इंडिया सीमेंट के शेयर की कीमत इस उम्मीद में 11.5 फीसदी बढ़ गई कि भविष्य में औपचारिक अधिग्रहण की प्रक्रिया के दौरान खुली पेशकश देखने को मिलेगी।
इंडिया सीमेंट की शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 24 में 5,112.2 करोड़ रुपये रही और राजस्व बाजार हिस्सेदारी देसी सीमेंट उद्योग में 2.3 फीसदी रही, जो दक्षिण भारत में रामको सीमेंट के बाद दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। रामको सीमेंट की शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 24 में 9,376.4 करोड़ रुपये रही।
इसकी तुलना में अल्ट्राटेक सीमेंट की शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 24 में 70,908 करोड़ रुपये रही, जो देश के सभी सीमेंट निर्माताओं के संयुक्त राजस्व का 31.5 फीसदी बैठता है। इसमें केसोराम इंडस्ट्रीज का सीमेंट डिविजन शामिल नहीं है, जिसे पिछले साल 7,600 करोड़ रुपये की एंटरप्राइज वैल्यू पर अधिग्रहीत किया गया था। केसोराम के सीमेंट डिविजन का राजस्व वित्त वर्ष 24 में 3,740.5 करोड़ रुपये रहा।
अमेरिका का न्याय विभाग और यूरोपीय आयोग उद्योग में प्रतिस्पर्द्धा का स्तर भांपने के लिए कंपनियों के औसत राजस्व हिस्सेदारी का इस्तेमाल करता है। राजस्व बाजार का इस्तेमाल हर्फिंडाल-हिर्शमैन इंडेक्स (एचएचआई) की गणना के लिए किया जाता है। एचएचआई किसी उद्योग की बाजार में उपस्थिति का आकलन करने का सामान्य तरीका है।
इस महीने के शुरू में अदाणी समूह नियंत्रित अंबुजा सीमेंटड ने हैदराबाद स्थित पन्ना सीमेंट का अधिग्रहण कर लिया था। इससे देश के दक्षिणी एवं पश्चिमी बाजारों में अंबुजा सीमेंट की उत्पादन क्षमता और बाजार हिस्सेदारी दोनों में इजाफा हो गया। दिसंबर 2023 में अंबुजा सीमेंट ने संघी इंडस्टड्रीज को 5,180 करोड़ रुपये में खरीद लिया था। संघी इंडस्ट्रीज का गुजरात में एक सीमेंट संयंत्र है। इन दो अधिग्रहणों के बाद अंबुजा सीमेंट की शुद्ध बिक्री में लगभग 3,000 करोड़ रुपये का अनुमानित इजाफा हुआ है और राजस्व हिस्सेदारी में 1.5 प्रतिशत बढ़ोतरी (मौजूदा 14.7 प्रतिशत से) हुई है।
पिछले दस वर्षों के दौरान घरेलू बाजार में अल्ट्राटेक सीमेंट की राजस्व में हिस्सेदारी 1200 आधार अंक बढ़कर 33.1 प्रतिशत हो गई है, जो पहले 21.1 प्रतिशत हुआ करती थी। इस दौरान कंपनी ने जयप्रकाश एसोसिएट्स, बिनानी सीमेंट्स और सेंचुरी टैक्सटाइल ऐंड इंडस्ट्रीज के सीमेंट संयंत्र भी खरीदे हैं। इन अधिग्रहणों के दम पर अल्ट्राटेक सीमेंट की शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2024 में अंबुजी सीमेंट की समेकित शुद्ध बिक्री का दोगुना से ज्यादा थी। इसमें एसीसी सीमेंट, जो अंबुजा सीमेंट की सहायक इकाई है, के आंकड़े भी शामिल हैं।
एक दशक पहले तक अंबुजा सीमेंट और एसीसी का संयुक्त राजस्व अल्ट्राटेक के बराबर था। दो वर्ष पहले तक इन दोनों कंपनियों (अंबुजा सीमेंट और एसीसी) पर लाफार्ज होल्सिम का नियंत्रण था। मगर पिछले एक दशक में इन दोनों कंपनियों बाजार हिस्सेदारी कम हुई है।
अदाणी समूह ने सितंबर 2022 में अंबुजी सीमेंट और एसीसी का अधिग्रहण किया था। समूह कई अधिग्रहणों एवं तेज गति से क्षमता विस्तार के साथ इन कंपनियों का प्रदर्शन सुधार रहा है।
2.5 साल के निचले स्तर पर सीमेंट की कीमतें
सीमेंट की खुदरा कीमतें (राष्ट्रीय औसत) 2.5 साल के निचले स्तर पर हैं और दक्षिण भारत के बाजारों के मामले में यह चार साल के निचले स्तर पर हैं। इलारा सिक्योरिटीज ने यह जानकारी दी। ब्रोकरेज फर्म ने कीमत में गिरावट की वजह सीमेंट निर्माताओं की तरफ से वॉल्यूम पर जोर देना है और कंपनियां बाजार हिस्सेदारी को ध्यान में रखकर ऐसा कर रही हैं।
ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक, डीलरों, सेल्स एग्जिक्यूटिव व कैरी ऐंड फॉरवाडिंग एजेंटों से पता चला कि सीमेंट उद्योग जून में सीमेंट कीमतें रिकवर करने में नाकाम रही जबकि मई में सुस्ती थी।
नोट में कहा गया है, स्थिर कीमतों के साथ कुछ बाजारों को छोड़ दें तो ज्यादातर हिस्से में कीमत पर दबाव दिखा। इसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय स्तर पर औसत खुदरा कीमतें मासिक आधार पर 5 रुपये प्रति कट्टा घटकर 351 रुपये रह गई, जो 2.5 साल पहले के स्तर पर पहुंच गई।
क्षेत्र के लिहाज से दक्षिण भारत में कीमतों की चाल सबसे ज्यादा 12 रुपये प्रति कट्टा रही। जून में तमिलनाडु में कीमतें 20 रुपये प्रति कट्टा घट गई, वहीं आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और कर्नाटक में 10-10 रुपये प्रति कट्टा कम हुई। इसके परिणामस्वरूप मौजूदा कीमतें निचले स्तर पर पहुंच गई है, जो चार साल पहले देखी गई थी। जुलाई में पेन्ना सीमेंट की तरफ से होने वाली वॉल्यूम में बढ़ोतरी से कीमतों में बढ़ोतरी में देरी की आशंका है।