हाल तक ‘उड़ान’ सचमुच उड़ान पर थी। कोरोनावायरस वैश्विक महामारी का झटका लगने से पहले बिजनेस टु बिजनेस (बी2बी) केंद्रित ई-कॉमर्स स्टार्टअप तेजी से वृद्धि की राह पर आगे बढ़ रहा था। इस वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिए मार्च के तीसरे सप्ताह से भारत को देशव्यापी लॉकडाउन के लिए मजबूर होना पड़ा। लॉकडाउन के कारण लॉजिस्टिक्स, डिलिवरी और आपूर्ति शृंखला का पूरा नेटवर्क तबाह हो गया। सबसे तेजी से आगे बढऩे वाले देश के इस यूनिकॉर्न यानी 1 अरब डॉलर से अधिक के कारोबार वाले स्टार्टअप को लॉकडाउन से तगड़ा झटका लगा और इस क्षेत्र की अन्य कंपनियों की तरह उसके कारोबारी मॉडल में जबरदस्त व्यवधान देखा गया। कंपनी के अधिकारियों से इस मुद्दे पर बातचीत करने की कोशिश की गई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका।
इस मामले से अवगत सूत्रों के अनुसार, बेंगलूरु की इस कंपनी का लगभग 60 फीसदी कारोबार खत्म हो गया है। ऐसे में टेनसेंट के निवेश वाले इस यूनिकॉर्न स्टार्टअप को छंटनी सहित लागत घटाने के तमाम उपाय करने पड़े। हाल में कंपनी ने अपने करीब 10 से 15 फीसदी अनुबंध आधारित कर्मचारियों की छंटनी करने की घोषणा की थी जिससे करीब 3,000 से 3,500 लोगों का रोजगार प्रभावित हो सकता है। लेकिन सूत्रों ने कहा कि कंपनी ऐसे कई अन्य उपाय आगे भी कर सकती है। एक व्यक्ति ने कहा, ‘कंपनी बड़े पैमाने पर अपने कारोबार का विस्तार किया था और अब वह भुनाने में चुनौतियों का सामना पहले ही कर रही है। कोविड-19 की रोकथाम के लिए किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के बाद उसके लिए स्थिति काफी खराब हो गई।’
सूत्रों ने कहा कि उड़ान को कोविड वैश्विक महामारी का सबसे तगड़ा झटका लगने का मुख्य कारण उसका कारोबारी मॉडल है। लॉजिस्टिक्स और डिलिवरी कंपनी के कारोबारी मॉडल का मुख्य हिस्सा है जिसे लॉकडाउन से सबसे पहले झटका लगा। कंपनी की एक अन्य चुनौती यह है कि उसके पास लॉजिस्टिक्स पर कोई नियंत्रण नहीं है क्योंकि इसे उड़ान एक्सप्रेस ब्रांड के तहत तीसरे पक्ष द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। जबकि उसके कारोबार में इलेक्ट्रॉनिक्स, परिधान एवं फुटवियर जैसी गैर-जरूरी वस्तुओं का हिस्सा काफी अधिक है। इसलिए लॉकडाउन का उसे तत्काल झटका लगा। हालांकि कंपनी एक शहर से दूसरे शहरों में वस्तुओं की आपूर्ति सेवा से जुड़ी है जिसमें फूड एवं किराना सहित अधिकतर खराब होने वाली वस्तुएं शामिल होती हैं। लेकिन यह उसके कारोबार का महज एक छोटा हिस्सा है।
दूसरी बड़ी चुनौती यह है कि उड़ान का कारोबारी मॉडल बहुत अधिक परिसंपत्ति वाला है क्योंकि देश भर में उसके कई गोदाम मौजूद हैं। वह लाइफस्टाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मेसी, फल एवं सब्जियां और एफएमसीजी जैसी श्रेणियों में भी कारोबार करती है। कोविड लॉकडाउन के कारण लगभग कोई बिक्री न होने के कारण कंपनी को अपने गोदामों को सुचारु रखने और कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करने के लिए काफी खर्च करना पड़ा है।
बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ हालिया बातचीत में उड़ान के सह-संस्थापक सुजीत कुमार ने सहमति जताई थी कि इस कारोबार में काफी पूंजी निवेश करने की जरूरत होती है। हालांकि कंपनी द्वारा स्थापित अधिकतर बुनियादी ढांचे भविष्य के लिए हैं क्योंकि उस समय मांग के अनुपात में खर्च करने की आवश्यकता नहीं होगी। कुमार ने कहा, ‘यदि आपके पास आपूर्ति शृंखला, भुगतान, वित्त पोषण आदि के संदर्भ में सही बुनियादी ढांचा उपलब्ध होगा तो आप काफी तेजी आगे बढ़ सकते हैं। साथ ही इससे आपकी परिचालन लागत भी कम होगी।’
फ्लिपकार्ट के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों आमोद मालवीय, वैभव गुप्ता और सुजीत कुमार द्वारा 2016 में उड़ान की स्थापना की थी।