केंद्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रभारी अमित मालवीय ने मंगलवार को ट्विटर के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जैक डोर्सी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि सोशल मीडिया कंपनी ने 2020-2022 के बीच कानूनों का उल्लंघन किया था। डोर्सी इस अवधि में ट्विटर के सीईओ थे।
ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व सीईओ डोर्सी ने आरोप लगाया है कि देश में किसानों के प्रदर्शन के दौरान भारत सरकार ने ट्विटर पर दबाव डाला था और सरकार का कहना नहीं मानने पर भारत में ट्विटर को बंद करने तथा उसके कर्मचारियों के घरों पर छापे मारने की धमकियां दी गयी थीं।
मालवीय ने एक ट्वीट में कहा कि डोर्सी के नेतृत्व में कंपनी संप्रभु देशों के कानूनों की अवहेलना कर रही थी, अभिव्यक्ति की आजादी (वैचारिक रूप से भिन्न आवाजों को) को दबा रही थी और कई मामलों में अलगाववादी आवाजों को बढ़ावा दे रही थी। उन्होंने कहा कि ट्विटर ने विस्तारित अवधि (2020-2022 के बीच) भारतीय कानूनों का उल्लंघन किया।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन डोर्सी और उनके सहयोगियों द्वारा सक्रिय रूप से एक नीति का पालन करने के बावजूद न तो ट्विटर को कभी बंद किया गया और न ही इसके कर्मचारियों पर छापा मारा गया या जेल भेजा गया। वे कई मौकों पर भारत के हितों की विरोधी विदेशी ताकतों को अपने मंच का उपयोग करने की अनुमति भी दे रहे थे, जिसने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और सलामती के लिए गंभीर खतरा पैदा किया।’’
उन्होंने विपक्षी कांग्रेस की भी आलोचना करते हुए कहा कि वह एक ‘बगैर रीढ़ वाले झूठे व्यक्ति’ के गलत दावों से उत्साहित है। उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी विदेश जाते हैं और विदेशी ताकतों की मदद मांगते हैं और भारत में उनके सहयोगी भारत को खलनायक की तरह पेश करने के लिए भटकी हुई आवाजों को भड़काते हैं… क्या विदेशी धन और मीडिया पर निर्भरता ही एकमात्र तरीका है जिससे कांग्रेस लोगों की इच्छा को कमजोर करने और लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को सत्ता से बेदखल करने की उम्मीद करती है?’’
पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी यह आरोप लगाया कि ट्विटर ने कानून का उल्लंघन किया था। उन्होंने कहा कि जनवरी 2021 में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान, ‘नरसंहार की खबरों सहित बड़ी संख्या में गलत सूचनाएं प्रसारित हुईं, जो बाद में झूठी साबित हुईं’।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत सरकार की जिम्मेदारी है कि भारत में काम करने वाली कंपनियां देश के कानूनों का पालन करें ताकि उनकी जवाबदेही तय की जा सके। ट्विटर निश्चित रूप से भारतीय कानूनों का पालन नहीं कर रहा था।’’
साल 2021 में ट्विटर के सीईओ पद से इस्तीफा दे चुके डोर्सी ने सोमवार को यूट्यूब के समाचार शो ‘ब्रेकिंग प्वाइंट्स’ को दिये साक्षात्कार में ये आरोप लगाये। उन्होंने ट्विटर पर दबाव बनाये जाने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘यह कई तरीकों से किया गया, जैसे :‘हम भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे’, जो हमारे लिए बहुत बड़ा बाजार है। ‘हम आपके कर्मचारियों के घरों पर छापे मारेंगे’, जो उन्होंने किया। और यह भारत है, एक लोकतांत्रिक देश।’’