टोयोटा किर्लाेस्कर मोटर (टीकेएम) अपने उत्पादों के लिए स्थानीय स्तर पर विनिर्मित कल-पुर्जों के साथ-साथ स्थानीय प्रौद्योगिकी के उपयोग को और बढ़ावा देने पर विचार कर रही है। इस पहल का मकसद विदेशी विनमय दर में उतार-चढ़ाव के जोखिम के साथ आपूर्ति संबंधी चुनौतियों से कारोबार को बचाना है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह कहा। जापान की वाहन कंपनी टोयोटा और किर्लाेस्कर समूह की संयुक्त उद्यम इसके अलावा देश में हाइब्रिड प्रणाली (बिजली और पेट्रोल दोनों से चलने वाली) के विनिर्माण की भी योजना बना रही है।
टीकेएम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवीन सोनी ने कहा, हम स्थानीय उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने पर गौर कर रहे हैं। यह केवल मेड इन इंडिया पहल के तहत ही नहीं बल्कि विनिमय दर में उतार-चढ़ाव के जोखिम और आपूर्ति व्यवस्था को छोटा एवं बेहतर बनाने के लिए भी है। उन्होंने कहा कि इसके तहत कंपनी लगातार अपने उत्पादों में स्थानीय कलपुर्जों का उपयोग बढ़ाने की कोशिश कर रही है।
सोनी ने कहा, यह एक प्रक्रिया है जो निरंतर चलती रही है। इनोवा का इंजन क्रिस्टा का विनिर्माण अब स्थानीय स्तर पर हो रहा है। इंजन में उपयोग करीब 85 फीसदी कलपुर्जे स्थानीय तौर पर विनिर्मित हैं। हमने गियर बॉक्स और अन्य महत्वपूर्ण उपकरणों में स्थानीय उत्पादों की हिस्सेदारी बढ़ाई है। कंपनी ने यह भी कहा कि उसकी स्थानीय स्तर पर हाइब्रिड प्रणाली के विनिर्माण की योजना है।