भारतीय ऑटो बाजार में छोटी कारों के बढ़ते बाजार को भुनाने के लिए टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) जल्द ही दो छोटी कारों का निर्माण करने की योजना बना रही है।
अभी तक यह कंपनी भारत में प्रीमियम श्रेणी की कारें ही बेचती थी। कंपनी की योजना पहले ज्यादा मॉडल बाजार में उतारने की थी। लेकिन अब कंपनी दो मॉडल लॉन्च करने के साथ ही इस बाजार में आना चाहती है।
कंपनी के दोनों मॉडलों में से एक 1.1 लीटर और दूसरा 1.3 लीटर इंजन की क्षमता वाला होगा। कंपनी अपने नए मॉडलों को डीजल और पेट्रोल दोनों ही संस्करणों में उतारेगी। कंपनी की योजना पहले 1.3 लीटर डीजल की क्षमता वाली सिदान पेश करेगी। कंपनी का यह मॉडल फोर्ड फिएस्टा को टक्कर देगा।
कंपनी के सूत्रों ने बताया कि इस कार की कीमत 4.5 लाख रुपये के आसपास रहने की उम्मीद है। दरअसल इस श्रेणी में अभी मारुति की स्विफ्ट का ही दबदबा है। स्विफ्ट की एक्स-शोरूम कीमत 4-5 लाख के बीच है। कंपनी के इन मॉडलों को बाजार में आने में लगभग दो साल लग सकते हैं, जब कंपनी का नया संयंत्र शुरू हो जाएगा। कंपनी की योजना ‘फॉरच्यूनर’ नाम से स्पोर्टस युटिलिटी व्हीकल लॉन्च करने वाली है। इसकी कीमत 16-20 लाख रुपये के बीच होने की उम्मीद है।
हालांकि अभी कंपनी इस बात पर विचार कर रही है कि इस कार को असेंबल्ड ही आयात किया जाए या फिर इसके पुर्जों को मंगा कर तब भारत में असेंबल किया जाए। ऑटो विशेषज्ञों के मुताबिक भारत में फर्ॉच्यूनर के टॉप मॉडल की कीमत 15-16 लाख के बीच में ही रहेगी। इस कार को कंपनी जून -सितंबर 2009 में के बीच में कभी भी लॉन्च कर सकती है। हालांकि इस बारे में टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘इस बारे में हम आपको कोई जानकारी नहीं दे सकते है। क्योंकि यह हमारे कारोबार से जुड़ा बहुत ही महत्वपूर्ण मामला है।’ कंपनी की फॉरच्यूनर एसयूवी आईएमवी प्लेटफार्म पर आधारित है। भारत में कंपनी की सबसे पसंदीदा कार इन्नोवा भी इसी प्लेटफार्म पर विकसित की गई थी। फॉरच्यूनर पहले ही फिलिपींस, इंडोनेशिया और थाईलैंड जैसे दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में काफी पसंद की जा रही है।
कंपनी ने अभी इस मॉडल को तीन संस्करणों में ही उतारा है। कंपनी बेंगलुरु स्थित संयंत्र में प्रीमियम कार कोरोला का डीजल संस्करण भी जल्द ही लॉन्च करने की योजना बना रही है। इस संयंत्र की हालिया क्षमता 63,000 कार सालाना बनाने की है। कंपनी इसके पास ही 1400 करोड़ रुपये की लागते से सालाना 1 लाख वाहन की क्षमता वाला नया संयंत्र भी लगाने की योजना बना रही है। यह संयंत्र साल 2010 में कार्य करना शुरू करेगा।
कंपनी की दोनों नई कारों का निर्माण इसी संयंत्र में किया जाएगा। टीकेएम जापानी कंपनी टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन (टीएमसी) और पुणे की कंपनी किर्लोस्कर का साझा उपक्रम है। इस उपक्रम में टीएमसी के 89 फीसदी शेयर हैं और भारतीय समूह की 11 फीसदी हिस्सेदारी है। दरअसल, भारतीय ऑटो बाजार पर अब सभी कंपनियां नजर गढ़ाए बैठी हैं।