फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) कंपनियों द्वारा पिछले 2-3 महीनों में कुछ खाद्य पदार्थों (foods) और पर्सनल केयर ब्रांडों के उत्पादों और श्रेणियों पर 2 से 17 प्रतिशत तक की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। बिजनेसलाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस कारण घर चलाने का खर्चा बढ़ गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनियों ने साबुन और बॉडी वॉश पर 2 फीसदी से 9 फीसदी, बालों के तेल पर 8 से 11 फीसदी और चुनिंदा खाद्य पदार्थों पर 3 से 17 फीसदी तक कीमतें बढ़ाई हैं।
यह वृद्धि लगभग एक साल तक कीमतों में गिरावट के बाद हुई है, जिसका श्रेय कमोडिटी की कीमतों में नरमी को दिया जा सकता है। उच्च इनपुट लागत के कारण मार्जिन बनाए रखने के लिए 2022 और 2023 की शुरुआत में कीमतें बढ़ाने के बाद, FMCG कंपनियों ने वित्त वर्ष 2024 के अधिकांश समय में कीमतों में बढ़ोतरी से परहेज किया, लेकिन अब कीमतें फिर से बढ़ना शुरू हो गई हैं।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि कच्चे तेल और पाम तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद, दूध, चीनी, कॉफी, खोपरा और जौ जैसी अन्य वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं।
बीकाजी (Bikaji) का इरादा वित्त वर्ष 2025 में कीमतें 2-4 प्रतिशत बढ़ाने का है, यह प्रक्रिया अप्रैल में ही शुरू हो चुकी है। टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने भी अपने प्रतिस्पर्धियों के साथ तालमेल बिठाने के लिए मूल्य समायोजन (price adjustments) पर काम करना शुरू कर दिया है। डाबर इंडिया और इमामी ने संकेत दिया है कि वे इस साल लो सिंगल डिजिट में कीमतों में वृद्धि करेंगे।
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कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज एंड ट्रेड के आंकड़ों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने साबुन की चुनिंदा स्टॉक-कीपिंग यूनिट्स पर कीमतों में 4-5 फीसदी की बढ़ोतरी की है। हिंदुस्तान यूनिलीवर ने डव की कीमतें 2 फीसदी बढ़ा दी हैं, जबकि विप्रो ने संतूर की कीमत 3 फीसदी बढ़ा दी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंदुस्तान यूनिलीवर, प्रॉक्टर एंड गैंबल हाइजीन एंड हेल्थ केयर और ज्योति लैब्स के डिटर्जेंट ब्रांडों ने चुनिंदा पैक्स पर कीमतों में 1-10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की हैं।
हिंदुस्तान यूनिलीवर ने अपने पोर्टफोलियो में शैम्पू की कीमतों में कम से मिड सिंगल डिजिट प्रतिशत और स्किन केयर उत्पादों में 4 प्रतिशत तक की वृद्धि की है। महंगाई के दबाव के कारण नेस्ले ने कॉफी की कीमतें 8-13 प्रतिशत बढ़ा दी हैं।