भारतीय वाणिज्यिक रियल एस्टेट निजी इक्विटी फर्मों से निवेश हासिल कर रहा है, जबकि पश्चिमी देशों के बाजार में मंदी दिख रही है। अमेरिका की निजी इक्विटी दिग्गज ब्लैकस्टोन का कहना है कि भारतीय बाजार अन्य देशों से अलग है क्योंकि स्थानीय कंपनियां विस्तार कर रही हैं। उन्हें कार्यालय के लिए और ज्यादा स्थान की जरूरत है।
ब्लैकस्टोन के अध्यक्ष और सीओओ जॉन रे ने मीडिया के साथ बातचीत में कहा ‘यह शायद दुनिया के उन कुछ बाजारों में से एक है जहां हमने पिछले 12 महीने के दौरान किराये में वृद्धि और खाली जगहों में कमी देखी है। यह भारत में मजबूती का एक और संकेत है।’
भारतीय डेवलपरों ने कहा कि अधिक गुणवत्ता वाली परिसंपत्तियों की उपलब्धता, नए बन रहे मल्टी-मॉडल ट्रांजिट कॉरिडोरों की वजह से घटती लॉजिस्टिक लागत, अंतिम छोर तक की कनेक्टिविटी की पहुंच में वृद्धि तथा चाइना प्लस वन नीति और स्थिर राजनीतिक परिदृश्य के कारण विनिर्माण केंद्रों का रुख भारत की ओर होने से वृद्धि की रफ्तार में तेजी आ रही है।
मजबूत घरेलू मांग, अनुकूल बाजार, कार्यालयों में वापसी तथा बीएफएसआई, फार्मा, हेल्थकेयर, ई-कॉमर्स और लाइटवेट इंजीनियरिंग क्षेत्र की विस्तार मांग भी कार्यालय के स्थान की मांग में इजाफा कर रही है।
अब तक भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र में 30 अरब डॉलर का निवेश कर चुकी ब्लैकस्टोन 12 करोड़ वर्ग फुट संपत्ति के साथ देश की सबसे बड़ी भू-स्वामियों में से एक बन गई है। रे ने कहा ‘हम बड़ा स्तर प्राप्त कर चुके हैं। हमें बहुत सफलता मिली है और कई शानदार साझेदार मिले हैं। हमारे पास अलग रणनीति है, जो यह है कि हम ऐसे कारोबारों के निर्माता हैं, जो भारत के निर्माण में मदद करते हैं।’
रे ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड की वजह से दूर से काम करना मुश्किल हो गया था, खास तौर पर अमेरिका और कुछ पश्चिमी यूरोपीय शहरों में। उन्होंने कहा कि कुछ प्रमुख अमेरिकी शहरों में कार्यालयों की इमारतों, विशेष रूप से पुरानी इमारतों की कीमतों में भारी गिरावट आई है। नई इमारतें बेहतर प्रदर्शन करेंगी क्योंकि इनकी कमी रहने वाली है। भारत अलग है। मुंबई में कंपनियां विस्तार कर रही हैं और उन्हें कार्यालय के लिए और अधिक स्थान की आवश्यकता है।
भारतीय रियल एस्टेट कंपनियों के मुख्य कार्य अधिकारियों का कहना है कि वे नई, हरित इमारतों का निर्माण करके बढ़ती मांग पूरी करने की तैयारी कर रहे हैं। हीरानंदानी समूह के चेयरमैन निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि वै श्विक महामारी के बाद भारतीय वाणिज्यिक रियल एस्टेट का प्रदर्शन अन्य पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं से अलग लगता है।
हीरानंदानी ने बताया कि हालांकि वैश्विक वाणिज्यिक रियल एस्टेट बाजार को हाल के वर्षों में संघर्षों का सामना करना पड़ा है लेकिन भारत ने कुछ पश्चिमी अर्थव्यवस्थाओं में देखी गई गिरावट को दरकिनार करते हुए स्थिर वृद्धि और लचीलेपन का प्रदर्शन किया है। टाटा रियल्टी के मुख्य कार्य अधिकारी संजय दत्त ने कहा कि वैश्विक कंपनियों, खास तौर पर अमेरिका के मामले में भारत दूरस्थ कार्य वाला सबसे बड़ा गंतव्य है, जिससे मांग बढ़ रही है।