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तुर्किये में भारतीय कंपनियों का बिजनेस जारी, भू-राजनीतिक तनाव से कारोबार में कोई रुकावट नहीं

डॉमिनोज पिज्जा की फ्रेंचाइज मालिक और तुर्किये की कॉफी चेन कॉफी चलाने वाली जुबिलेंट फूडवर्क्स ने बताया गया वह विस्तार करती रहेगी।

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शार्लीन डिसूजा   
देव चटर्जी   
गुलवीन औलख   
Last Updated- June 03, 2025 | 11:35 PM IST

भले ही केंद्र सरकार ने पाकिस्तान का खुला समर्थन करने के कारण तुर्किये पर दबाव बनाया है, लेकिन तुर्किये में काम कर रही भारतीय कंपनियां अडिग हैं। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम), डाबर इंडिया और जुबिलैंट फूडवर्क्स का कहना है कि कारोबार लगातार जारी रहेगा और भू-राजनीतिक तनाव के कारण बदलाव करने की कोई योजना नहीं है।

डॉमिनोज पिज्जा की फ्रेंचाइज मालिक और तुर्किये की कॉफी चेन कॉफी चलाने वाली जुबिलेंट फूडवर्क्स ने बताया गया वह विस्तार करती रहेगी। कंपनी फिलहाल देश में 746 डॉमिनोज आउटलेट और 160 कॉफी स्टोर चलाती है। कारोबारी नतीजे जारी करते समय उसने कहा कि डॉमिनोज के 30 और कॉफी के 50 नए स्टोर खोलने की उसकी योजना है।

जुबिलेंट फूडवर्क्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी समीर खेत्रपाल ने निवेशकों से कहा, ‘हम इन बाजारों को काफी अलग देखते हैं। जवाबी शुल्क, रूस-यूक्रेन संघर्ष और भारत-पाकिस्तान तनाव जैसे राजनीतिक शोर-शराबे से यह ब्रांड अछूता है। यहां के उपभोक्ताओं को इन बातों से कोई मतलब नहीं है।’ उन्होंने कहा कि तुर्किये के व्यापक आर्थिक बुनियादी तत्त्व, जिसमें युवा उपभोक्ताओं की बड़ी तादाद और प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद शामिल है भारत के मुकाबले काफी अधिक और आकर्षक हैं।

कृषि उपकरण बनाने वाली अग्रणी भारतीय कंपनी महिंद्रा ऐंड महिंद्रा का तुर्किये में ट्रैक्टर कारखाना है। अधिकारियों ने कहा कि यह इकाई कंपनी के वैश्विक कारोबार का छोटा हिस्सा है और इस पर किसी तरह का असर नहीं पड़ा है।

कैपिटालाइन के आंकड़ों के मुताबिक सभी भारतीय फर्मों में रेडिंगटन ने साल 2023-24 में तुर्किये में सर्वाधिक बिक्री की थी और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा दूसरे स्थान पर थी। उपभोक्ता वस्तु बनाने वाली कंपनी डाबर इंडिया 2010 में अधिग्रहण के जरिये तुर्किये में पहुंची थी। उसने कहा कि तुर्किये में तैयार माल न तो वह निर्यात करती है न ही इस देश में आयात करती है। इसीलिए मौजूदा द्विपक्षीय तनाव से उसे कोई जोखिम नहीं है।

जुबिलैंट फूडवर्क्स, एमऐंडएम और डाबर इंडिया सहित किसी भी भारतीय कंपनी ने इस बारे में भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं दिया।

22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले और 7 मई को भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद तुर्किये ने पाकिस्तान का पक्ष लिया था, जिसके बाद भारत और तुर्किये के बीच तनाव बढ़ गया। इसके जवाब में भारत ने अपने यहां तुर्किये की कंपनियों के कारोबार की निगरानी बढ़ा दी है।

पिछले हफ्ते भारत के नागर विमानन महानिदेशालय ने तुर्किये के विमान के लिए इंडिगो के पट्टे की मियाद छह महीने से घटाकर तीन महीने कर दी थी। इंडिगो ने छह महीने का पट्टा मांगा था। मई की शुरुआत में नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए तुर्की की सेलेबी एविएशन होल्डिंग की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी थी। कई भारतीय हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग सेवाएं देने वाली कंपनी अब अदालत में मुकदमा लड़ रही है।

इस बीच तुर्किये की बेको के साथ संयुक्त उद्यम चलाने वाली टाटा समूह की वोल्टास ने जोर देकर कहा कि उसका संचालन पूरी तरह भारत में ही है। कंपनी ने बयान जारी कर कहा है, ‘हम देश में ही उत्पादन करते हैं, रोजगार के अवसर पैदा करते हैं और भारतीय उपभोक्ताओं की सेवा करते हैं। हमारा कारोबार किसी भी तरह के भू राजनीतिक घटनाक्रम से जुदा है।’ वोल्टबेक होम अप्लायंसेज वोल्टास और तुर्किये की उपकरण निर्माता अर्सेलिक के बीच संयुक्त उद्यम है। उनका ब्रांड वोल्टास बेको सितंबर 2018 में उतारा गया था। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा मोटर्स के भी तुर्किये में प्रतिनिधि कार्यालय थे। किंतु हाल की राजनयिक झड़प से पहले उन्हें बंद कर दिया गया था।

First Published : June 3, 2025 | 10:45 PM IST