facebookmetapixel
चेन्नई में अगली पीढ़ी का इंजन बनाएगी फोर्ड, 2029 से शुरू होगा उत्पादनBFSI Insight Summit 2025: जिम्मेदार टेक्नोलॉजी, मजबूत बाजार और निवेश में संतुलन पर जोरगुणवत्ता से भरी वृद्धि के दौर में आ रहा ब्रोकिंग: शीर्ष अधिकारीनिचले स्तर पर भारतीय बाजार, बनाए रखें निवेश: मार्केट एक्सपर्ट्सइक्विटी सबसे दीर्घावधि ऐसेट क्लास, इसे दीर्घकालिक दृष्टिकोण की जरूरत : देसाईबाजार अब संतुलित दौर में, निवेशकों को जल्दबाजी से बचना चाहिए; BFSI समिट में बोले शीर्ष फंड मैनेजरडिजिटल लेनदेन से अगले दौर की वृद्धि, उद्योग के दिग्गजनिवेशकों की जागरूकता जरूरी: अनंत नारायणजिम्मेदारी संग तकनीक के इस्तेमाल पर बाजार नियामक का जोर: सेबी चीफअचानक बंद नहीं हो सकते डेरिवेटिव: सेबी चेयरमैन पांडेय

हरित संक्रमण के लिए कोई जादू नहीं, सरकार के सहयोग की जरूरत: Tata Steel CEO

Tata Steel के सीईओ टी वी नरेंद्रन ने कहा कि हरित संक्रमण एक जटिल चुनौती है और इसमें सरकार के सहयोग की जरूरत है।

Last Updated- August 26, 2023 | 4:45 PM IST
Tata Steel CEO T V Narendran

टाटा स्टील ग्लोबल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) टी वी नरेंद्रन (Tata Steel global CEO & MD T V Narendran) ने शनिवार को कहा कि इस्पात समेत मुश्किल क्षेत्रों में हरित संक्रमण के लिए कोई जादू नहीं है।

उन्होंने कहा कि यह एक जटिल चुनौती है और इसमें सरकार के सहयोग की जरूरत है। उद्योग जगत के अग्रणी लोगों का यह बयान उत्सर्जन को लेकर अर्थव्यवस्थाओं में बढ़ती चिंताओं और हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने की जरूरत के बीच आया है।

बी-20 समिट इंडिया 2023 में एक सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस्पात दुनिया में सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली धातु है और कोई भी इसके बिना नहीं रह सकता। यहां तक कि परिवर्तन के लिए भी, चाहे सौर पैनलों, पवन चक्कियों, भंडारण और पाइपलाइनों को स्थापित करना हो, इस्पात की जरूरत होगी।

यह भी पढ़ें : भारतीय रियल एस्टेट बाजार 2047 तक बढ़कर 5,800 अरब डॉलर का हो जाएगा: रिपोर्ट

उन्होंने कहा, “आपको एक समाधान ढूंढने की ज़रूरत है और इसका कोई जादू नहीं है…भारत अकेले ही हर दशक में 10-15 करोड़ टन इस्पात क्षमता जोड़ने जा रहा है…अगले कुछ दशकों तक आपके पास वृद्धि कर रहे ये मुश्किल क्षेत्र होंगे, विश्व स्तर पर सीमेंट उत्पादन इस्पात उत्पादन की तुलना में दोगुना है…आपको ऐसे समाधान ढूंढने की जरूरत है जो तकनीकी हों, जो केवल एक अन्य ऊर्जा स्रोत खोजने से हल नहीं होते हैं।”

नरेंद्रन उद्योग मंडल सीआईआई के विनिर्माण परिषद के चेयरमैन भी हैं। उन्होंने कहा कि इस्पात क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखला लगभग 100 साल से बनी है, तो कोयले से गैस से हाइड्रोजन में संक्रमण आपूर्ति श्रृंखला के नजरिये से भी बहुत मुश्किल चुनौती है।

यह भी पढ़ें : Tata Sons की लाभांश आय का इस्तेमाल, बट्टे खाते, घाटे वाली फर्मों में निवेश

First Published - August 26, 2023 | 4:21 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट