facebookmetapixel
Asia Cup 2025: एशिया कप भारतीय क्रिकेट टीम के नाम, फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान को पांच विकेट से पटकाViasat देगी सैटेलाइट कम्युनिकेशन को नया आकार! भारत में स्टार्टअप के साथ मिनी जियोसैटेलाइट बनाने के लिए कर रही बातचीतथर्ड पार्टी दवा उत्पादन को मिलेगा दम, नए बाजारों में विस्तार को बढ़ावा मिलने की उम्मीदBS Poll: रीपो रेट में बदलाव के आसार नहीं, महंगाई पर दिखेगा जीएसटी कटौती का असर!HAL: तेजस एमके-1ए और बढ़ते ऑर्डर बुक के साथ 20% रेवेन्यू ग्रोथ और मार्जिन में सुधार की उम्मीदगायतोंडे की 1970 की पेंटिंग 67.08 करोड़ रुपये में बिकी, भारतीय कला की नई कीर्तिमान कायमPM मोदी बोले: RSS की असली ताकत त्याग, सेवा और अनुशासन में निहित, 100 वर्ष की यात्रा प्रेरणादायकलगातार कमजोर प्रदर्शन का कारण बताना मुश्किल, शेयर विशेष रणनीति पर जोर: सायन मुखर्जीUNGA में बोले जयशंकर: भारत अपने विकल्प चुनने को स्वतंत्र, ग्लोबल साउथ की आवाज बनाए रखेगाKarur Stampede: 40 की मौत, 60 घायल, PM मोदी ने 2-2 लाख रुपये के मुआवजे का किया ऐलान

तिपहिया वाहनों के एक्सपोर्ट में सुस्ती जारी रहने के आसार

सायम (SIAM) के आंकड़े के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 में निर्यात 26 प्रतिशत और उसके बाद वित्त वर्ष 2024 में 17 प्रतिशत तक घटा।

Last Updated- June 16, 2024 | 9:45 PM IST
Scope of relief from exports to India

पिछले कुछ वर्षों में सुस्ती से गुजर रहे भारतीय तिपहिया निर्यात में वित्त वर्ष 2025 में भी सुधार के संकेत नहीं दिख रहे हैं। श्रीलंका, बांग्लादेश, नाईजीरिया, मिस्र जैसे कई प्रमुख बाजारों में भूराजनीतिक और आ​र्थिक कारकों ने इन क्षेत्रों में सुस्त मांग को बढ़ावा दिया है।

वित्त वर्ष 2025 के पहले दो महीनों में भी गिरावट देखी गई। जहां अप्रैल में निर्यात एक साल पहले के मुकाबले 2.7 प्रतिशत घटा, वही मई में इसमें 11.3 प्रतिशत तक की कमी आई। वित्त वर्ष 2025 में, पियाजियो और टीवीएस मोटर जैसी कंपनियों ने निर्यात में 16 प्रतिशत और 19.9 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की।

यही वजह है कि कुल तिपहिया निर्यात घटा है। सायम (SIAM) के आंकड़े के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 में निर्यात 26 प्रतिशत और उसके बाद वित्त वर्ष 2024 में 17 प्रतिशत तक घटा।

निर्यात में गिरावट मुख्य तौर पर श्रीलंका, बांग्लादेश, नाईजीरिया और मिस्र जैसे प्रमुख बाजारों में भूराजनीतिक एवं आ​र्थिक अ​स्थिरता की वजह से आई है।

प्राइमस पार्टनर्स में प्रबंध निदेशक अनुराग सिंह का मानना है कि इन देशों को गंभीर आ​र्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है जिससे तिपहिया के लिए उनकी मांग पर प्रभाव पड़ा है।

सिंह का मानना है, ‘श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को दबाव से जूझना पड़ रहा है, वहीं नाईजीरिया को ऊंची मुद्रास्फीति और राजनीतिक जो​खिम तथा बांग्लादेश को बढ़ती राजनीतिक अनि​श्चितता का सामना करना पड़ रहा है। इन कारकों ने तिपहिया निर्यात के लिए चुनौतीपूर्ण परिवेश को बढ़ावा दिया है।’

आ​​शिका ग्रुप में विश्लेषक संकेत केलास्कर ने कहा कि ऊंची मुद्रास्फीति, मौद्रिक अवमूल्यन, प्रमुख अमेरिकी बाजारों में आयात प्रतिबंध और कुछ क्षेत्रों में क्वाड्रिसाइकिल की ओर बढ़ते रुझान भारत से निर्यात में गिरावट के लिए जिम्मेदार हैं। उदाहरण के लिए, मिस्र और सोमालिया जैसे देशों ने भीड़भाड़ और सुरक्षा संबंधी चिंताओं के कारण तिपहिया आयात प्रतिबं​धित किया है।

इन चिंताओं के अलावा, कुछ अफ्रीकी देश आवश्यक वस्तुओं के आयात को प्राथमिकता दे रहे हैं और वाहन आयात प्रतिबं​धित कर रहे हैं। मिस्र और सोमालिया ने सुरक्षा चिंताओं और भीड़-भाड़ से बचने के लिए तिपहिया आयात पूरी तरह से प्रतिबं​धित कर दिया।

First Published - June 16, 2024 | 9:45 PM IST

संबंधित पोस्ट