देश में साल 2023 के दौरान विलय और अधिग्रहण की रणनीतिक गतिविधियों ने अपनी दीर्घकालिक रफ्तार कायम रखी। इस दौरान साल 2022 के रिकॉर्ड स्तर वाले अपवाद को छोड़ दें तो पिछले 10 साल में हुए सौदों की मात्रा से ज्यादा सौदे हुए। बेन ऐंड कंपनी की आज प्रकाशित छठी वार्षिक ग्लोबल एमऐंडए रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है।
बेन ऐंड कंपनी इंडिया के चेयरमैन और रिपोर्ट के लेखक करण सिंह ने कहा कि रफ्तार की यह निरंतरता आकर्षक अवसरों और परिसंपत्तियों की उपलब्धता के कारण है। संरचनात्मक दिक्कतों और अनुकूल नीतियों वाले क्षेत्रों में गतिविधियां और हस्तक्षेप बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले 18 महीने में हुए हर तीन सौदों में से एक अक्षय ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, लॉजिस्टिक्स और विनिर्माण से जुड़ा था।
बेन ऐंड कंपनी ने यह भी कहा कि साल 2023 में देश में 32 अरब डॉलर मूल्य के 90 से अधिक सौदे हुए। हालांकि वर्ष 2022 के दौरान वैश्विक महामारी कोविड के बाद कुल 118 अरब डॉलर के 109 अधिग्रहण हुए। वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 के दौरान छोटे सौदों (20 करोड़ डॉलर से कम वाले) और कुछेक बड़े सौदों (5 अरब डॉलर से अधिक मूल्य वाले) का प्रतिशत अधिक रहा।
बैन एंड कंपनी ने कहा कि हालांकि साल 2022 में तेजी वाले वर्ष के बाद सौदों की रफ्तार धीमी हो गई, लेकिन साल 2023 में गतिविधियां दमदार रहीं और साल 2022 को छोड़कर, जो असाधारण वर्ष था, सौदों की मात्रा पिछले 10 वर्षों में देखे गए स्तर से ज्यादा रहने का अनुमान है।
टॉरंट फार्मास्युटिकल्स इस बात का उदाहरण है कि विलय और अधिग्रहण मध्य बाजार के भागीदारों को उद्योग का अग्रणी बनने में मदद कर सकता है। टॉरंट फार्मा ने कई अधिग्रहण किए हैं, जिनमें एल्डर, यूनिकेम का घरेलू कारोबार और हाल ही में क्यूरेशियो के लिए 24.5 करोड़ डॉलर का सौदा शामिल है।